हरियाणा में अब फ़सलों के बीज के थैलों पर लगेगा "बार कोड टैग"
- बार कोड से मिलेगी बीज की पूरी जानकारी
- नकली बीज पर अंकुश लगाने की दिशा में बड़ा कदम
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 13 मई - हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने घोषणा की है कि अब राज्य में फ़सलों के बीज के थैलों पर "बार कोड टैग" लगाया जाएगा। इस बार कोड को स्कैन करके बीज के निर्माता, वजन, क़िस्म (प्रजाति) और प्रमाणीकरण जैसी विस्तृत जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकेगी। सरकार का यह कदम नकली बीज के व्यापार पर सख्त नियंत्रण लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मंत्री राणा ने बताया कि आज हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में इस बार कोड टैग की खरीद के लिए एक कंपनी को टेंडर देने की स्वीकृति दी गई है। बैठक में शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू, निदेशक राजनारायण कौशिक और हरियाणा राज्य बीज प्रमाणीकरण एजेंसी के निदेशक डॉ. कुलदीप डबास भी उपस्थित थे।
"साथी" पोर्टल से होगा ऑनलाइन प्रमाणीकरण
मंत्री राणा ने बताया कि हाल ही में भारत सरकार ने केंद्रीकृत "साथी" (SATHI) पोर्टल लॉन्च किया है, जिसमें बीज प्रमाणीकरण की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन स्वचालित किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से बीजों की ट्रैकिंग और प्रमाणीकरण आसान हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य बीज प्रमाणीकरण एजेंसी द्वारा पंजीकृत बीज उत्पादकों को प्रमाणित बीज की बिक्री के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अब पारंपरिक टैग की जगह बार कोड टैग का उपयोग होगा, जिसमें पूरी जानकारी डिजिटली स्टोर की जाएगी।
नकली बीज पर सख्त कार्रवाई
राणा ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। नकली बीज बेचने वाले निर्माताओं और विक्रेताओं पर कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस नए बार कोड टैग प्रणाली के लागू होने से नकली बीज की बिक्री पर बड़ा अंकुश लगेगा और किसानों को गुणवत्ता युक्त बीज मिल सकेगा।
प्रमुख बिंदु:
बीज के थैलों पर अब बार कोड टैग अनिवार्य।
बार कोड स्कैन करने पर मिलेगी निर्माता, वजन और प्रजाति की पूरी जानकारी।
"साथी" पोर्टल के माध्यम से प्रमाणीकरण की प्रक्रिया होगी ऑनलाइन।
नकली बीज विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान।
इस पहल से न केवल किसानों को गुणवत्ता युक्त बीज की पहचान में आसानी होगी, बल्कि नकली बीज के कारण होने वाले नुकसान पर भी अंकुश लगेगा।
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