सुरक्षित शहर में बुजुर्ग कर रहे हैं असुरक्षित महसूस
पीजीआई बस स्टैंड बना बुजुर्गों व मरीजों के गहनों की स्नेचिंग का अड्डा, लगातार वारदातों से दहशत में मरीज व परिजन
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 22 जुलाई 2025: एक ओर चंडीगढ़ को स्मार्ट और सुरक्षित शहर बताया जाता है, वहीं दूसरी ओर शहर के बीचों-बीच मौजूद पीजीआई के बाहर स्थित सीटीयू बस स्टैंड बुजुर्गों और मरीजों के लिए असुरक्षा का प्रतीक बन गया है। हाल ही में सामने आई दो घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि शहर में बुजुर्ग सबसे अधिक निशाने पर हैं — और पुलिस इन वारदातों को रोकने में बुरी तरह विफल साबित हो रही है।
पीजीआई सेक्टर-12 के पास स्थित सीटीयू बस स्टैंड बुजुर्गों के गहनों की चोरी और स्नेचिंग का नया अड्डा बनता जा रहा है। लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद पीजीआई पुलिस चौकी और थाना सेक्टर-11 की पुलिस इन घटनाओं को रोकने और दोषियों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है।
ताजा मामला 11 जुलाई का है, जिसमें कैंसर के मरीज और मोहाली बलटाना निवासी 76 वर्षीय परमजीत सिंह चौहान से बस में चढ़ते वक्त एक गिरोह ने 29.3 ग्राम का सोने का कड़ा चोरी कर लिया। पीड़ित ने बताया कि नेहरू गेट पर सीटीयू बस नंबर 80 में सवार होने के दौरान एक व्यक्ति ने रास्ता रोका और तीन महिलाओं ने कंधों पर बैग फेंके। इसी दौरान सोने का कड़ा काट लिया गया। बाद में 21 जुलाई को केस दर्ज हुई लेकिन आरोपी अब तक फरार हैं।
इससे पहले, 14 जुलाई को भी ऐसी ही एक वारदात हुई थी। पंचकूला सेक्टर-28 की बुजुर्ग महिला से, पीजीआई नेहरू गेट के सामने सीटीयू बस में चढ़ते वक्त दो महिलाओं ने उसके हाथ से सोने के कंगन काट लिए थे। हालांकि, महिला और उसके पति ने साहस दिखाते हुए एक आरोपी महिला को पकड़कर पीजीआई पुलिस चौकी को सौंपा था। लेकिन ड्यूटी ऑफिसर एएसआई जितेंद्र पाल राय ने बुजुर्ग महिला के साथ कथित तौर पर अभद्रता की और शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। बाद में जब मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा, तब जाकर कार्रवाई हुई, लेकिन अब तक दूसरा कंगन बरामद नहीं हुआ और गिरोह की अन्य सदस्य महिलाएं भी फरार हैं।
इन घटनाओं ने न सिर्फ पीजीआई आने वाले मरीजों और परिजनों में भय का माहौल बना दिया है, बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पीजीआई के आसपास सख्त निगरानी की जरूरत है और विशेषकर सीटीयू बस स्टैंड को पुलिस गश्त और सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाना चाहिए।
क्या कहती है पुलिस:
सेक्टर-11 थाना पुलिस और पीजीआई चौकी द्वारा जांच की जा रही है, मगर अब तक न तो गिरोह की पहचान हो सकी है और न ही किसी आरोपी की गिरफ्तारी हुई है।
सवाल यह है:
आखिर बुजुर्गों को निशाना बना रही इस गिरोह के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं?
बार-बार शिकायत के बावजूद पीजीआई पुलिस चौकी असंवेदनशील क्यों बनी हुई है?
स्थानीय नागरिकों और पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से मांग की है कि पीजीआई क्षेत्र में सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और बार-बार घटनाओं को अंजाम देने वाले गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
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