वायलेशन नोटिसों में 'सेटिंग' का खेल उजागर, सेक्टर-43 के होटल मामले में खुली परतें
प्रशासनिक दबाव में बदली रिपोर्ट, जांच की उठी मांग
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 22 जुलाई:
चंडीगढ़ प्रशासन के अधीन चल रहे एसडीएम कार्यालयों में वायलेशन नोटिसों को लेकर एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। सेक्टर-43 स्थित एक होटल को भेजे गए वायलेशन नोटिस में गड़बड़ी की परतें अब खुलने लगी हैं। आरोप है कि पहले एक जेई द्वारा होटल के अधिक क्षेत्र को वायलेशन बताया गया, लेकिन बाद में प्रशासनिक दबाव में दूसरे जेई से दोबारा रिपोर्ट बनवाकर वायलेशन क्षेत्र को आधा कर दिया गया।
चौंकाने वाली बात यह है कि दोबारा रिपोर्ट तैयार करने वाला जेई उस क्षेत्र का अधिकृत प्रभारी भी नहीं था। यह मामला अब न सिर्फ तकनीकी अनियमितताओं का संकेत देता है, बल्कि प्रशासनिक 'सेटिंग सिस्टम' की ओर भी इशारा करता है।
रिपोर्ट खुलते ही हड़कंप
जैसे ही यह मामला सामने आया, संबंधित एसडीएम कार्यालयों में अफरा-तफरी मच गई। सूत्रों के अनुसार अधिकारी पुराने रिकॉर्ड खंगालने और फाइलों को दुरुस्त करने में जुट गए हैं ताकि संभावित जांच से बचा जा सके।
व्यापारियों के आरोप: पहले डराया, फिर 'सेटिंग' की सलाह
होटल संचालको का आरोप है कि उन्हें पहले वायलेशन नोटिस देकर डराया गया और बाद में कुछ लोगों ने संपर्क कर मामला ‘सेट’ करवाने का सुझाव दिया। आरोप “पहले नोटिस भेजा, फिर कहा—'किसी से मिल लो, सब ठीक हो जाएगा'।”
दुकानदारों और होटल मालिकों का कहना है कि यह कोई एक मामला नहीं, बल्कि लंबे समय से चल रही एक सुनियोजित व्यवस्था का हिस्सा है, जिसमें दलालों और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत है।
वर्षों से लंबित हैं हजारों केस
वायलेशन नोटिसों को लेकर एसडीएम कार्यालयों में हजारों केस वर्षों से पेंडिंग हैं। लोगों को सिर्फ अगली तारीख दी जाती है, समाधान नहीं।
सेक्टर-40 निवासी मनीष शर्मा बताते हैं, “2022 से केस की तारीख मिल रही है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। बाबू कहते हैं—फाइल अंदर है, अगली तारीख ले लो।”
जांच की उठी मांग
व्यापारी संगठनों, होटल एसोसिएशन और आरटीआई कार्यकर्ताओं ने इस पूरे मामले की विजिलेंस या सीबीआई से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि एक संगठित भ्रष्टाचार तंत्र है।
प्रशासन की चुप्पी, लेकिन कार्रवाई की संभावना
फिलहाल प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो मुख्य सचिव ने प्रारंभिक रिपोर्ट तलब की है और शीघ्र ही जांच कमेटी गठित की जा सकती है। यदि आरोपों की पुष्टि होती है, तो कई अधिकारियों और बिचौलियों पर गाज गिरना तय है।
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