Himachal Pradesh : आपदा प्रभावितों को मिलेगी एक बीघा जमीन, केंद्र को भेजेंगे प्रस्ताव : सुखविंद्र सिंह सुक्खू
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 23 अगस्त 2025 :
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आपदा प्रभावितों को एक बीघा जमीन दी जाएगी। हिमाचल सरकार के पास अपनी जमीन नहीं है। सारी जमीन वन अधिनियम के दायरे में है, ऐसे में राज्य सरकार जमीन के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी। इससे पहले आपदा पर चर्चा के बाद जब राजस्व मंत्री जगत सिंह जवाब देने के लिए खड़े हुए तो विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने ही आपदा पर चर्चा का प्रस्ताव सदन में लाया। अब जब राजस्व मंत्री जवाब दे रहे हैं तो वह खुद सदन में नहीं हैं। उनकी गैरमौजूदगी में भाजपा के विधायक बाहर चले गए। इससे यह लगता है कि वह आपदा को लेकर प्रभावितों के प्रति कितने संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि आपदा किसी को बोलकर नहीं आती है। हिमाचल के बाद उत्तराखंड में आपदा आई। इसके बाद किश्तवाड़ में आपदा ने तबाही मचाई। किश्तवाड़ में जिन लोगों के भवन आपदा में ढह गए उन्हें 1.30 लाख मकान बनाने के लिए दिए गए। हिमाचल सरकार के आपदा प्रभावितों को मकान बनाने के लिए 7 लाख दे रही है। वहीं, अन्य सामान जो बह गया है, उसके अलग से 70 हजार देने की घोषणा की गई है। आपदा पैकेज पूरे प्रदेश में लागू होगा। विपक्ष का काम हमेशा ही राजनीति करना रहा है।
कीटनाशकों से बढ़ रहा कैंसर, फलों-सब्जियों की दवाओं की गुणवत्ता करेंगे सुनिश्चित: सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि फलों और सब्जियों पर छिड़काव के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी को इस बाबत आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री ने माना कि कीटनाशकों और यूरिया का अत्यधिक उपयोग कैंसर की बढ़ती समस्या का एक बड़ा कारण है। राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल में कैंसर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रदेश नॉर्थ ईस्ट के बाद देश में दूसरे स्थान पर है। इसे रोकने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। आईजीएमसी शिमला में जल्द ही पैट स्कैन मशीन लगाई जाएगी, जबकि अक्तूबर तक टांडा मेडिकल कॉलेज में भी यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी। इससे पहले चरण में ही कैंसर का पता लग सकेगा। आने वाले समय में नेरचौक, हमीरपुर समेत अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी पैट स्कैन सुविधा शुरू की जाएगी। इसके अलावा, हमीरपुर में 300 करोड़ रुपये से कैंसर संस्थान खोलने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। कैंसर रोगियों के इलाज के लिए लीनियर एक्सेलेरेटर और पैट स्कैन जैसी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। राज्य में 3,000 करोड़ से आधुनिक मशीनें खरीदी जाएंगी।
विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि मंडी और शिमला जिलों में कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, जिसका मुख्य कारण सेब और सब्जियों में कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग है। उन्होंने आरोप लगाया कि बाजार में बिना ब्रांड और गैर-मानक कीटनाशक दवाएं धड़ल्ले से बेची जा रही हैं, जिन पर कोई नियंत्रण नहीं है। वहीं, विधायक राकेश कालिया ने ऊना जिले के एक कैंसर पीड़ित बच्चे का मामला उठाते हुए कहा कि उसका बोन मैरो ट्रांसप्लांट पीजीआई चंडीगढ़ में होना है, जिस पर 20 लाख रुपये खर्च आएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने सहायता का आश्वासन दिया। कालिया ने कीमोथैरेपी के लिए ऊना में भी सेंटर खोलने की मांग उठाई।
जल्द भरा जाएगा स्टेट ड्रग कंट्रोलर का पद : शांडिल
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने बताया कि प्रदेश में लंबे समय से खाली पड़े स्टेट ड्रग कंट्रोलर के पद को जल्द ही भरा जाएगा। विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि बीबीएन को एशिया का फार्मा हब माना जाता है, लेकिन पिछले पौने दो साल से यह पद खाली होने के कारण दवाओं की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है और सैंपल फेल हो रहे हैं। (SBP)
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →