Explainer : कौन सा कुत्ता हिंसक और कौन सा नहीं? जानें कुत्तों के आक्रामक व्यवहार को पहचानने के ये 'सीक्रेट' संकेत
Babushahi Bureau
नई दिल्ली | 23 अगस्त, 2025 : सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आवारा कुत्तों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसने पूरे देश में एक नई बहस छेड़ दी है। कोर्ट ने कहा है कि पकड़े गए आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें उनके इलाके में वापस छोड़ा जाएगा। लेकिन इस फैसले में एक बड़ी शर्त है - रेबीज से संक्रमित और आक्रामक कुत्तों (Aggressive Dogs) को नहीं छोड़ा जाएगा ।
इस फैसले के बाद सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि आखिर यह कैसे तय होगा कि कौन सा कुत्ता 'आक्रामक' है और कौन सा नहीं? यह पहचान कौन करेगा? आइए, इस संवेदनशील और जटिल विषय को गहराई से समझते हैं।
क्या कोई कुत्ता जन्म से हिंसक होता है?
यह सबसे बड़ा मिथक है। कोई भी पशु व्यवहार विशेषज्ञ (Animal Behaviorist) यह नहीं मानता कि कोई कुत्ता या उसकी नस्ल जन्म से ही हिंसक या खतरनाक होती है।
1. नस्ल नहीं, परवरिश है वजह : किसी कुत्ते का व्यवहार उसकी नस्ल पर नहीं, बल्कि उसकी परवरिश, उसके अनुभव, स्वास्थ्य और सामाजिककरण (Socialization) पर निर्भर करता है। पिटबुल, रॉटवीलर या डोबरमैन जैसी नस्लों को अक्सर 'खतरनाक' मान लिया जाता है, लेकिन यह पूरी तरह से गलत धारणा है। सही ट्रेनिंग और प्यार भरे माहौल में ये नस्लें भी उतनी ही शांत और मिलनसार हो सकती हैं, जितनी कोई और।
2. आक्रामकता एक व्यवहार है, पहचान नहीं : आक्रामकता (Aggression) किसी कुत्ते की पहचान नहीं, बल्कि एक व्यवहार है, जो वह किसी खास स्थिति में डर, असुरक्षा या दर्द की वजह से दिखाता है।
कुत्ते के हिंसक व्यवहार की पहचान (Body Language)
कुत्ते कभी भी अचानक हमला नहीं करते। वे हमला करने से पहले अपनी बॉडी लैंग्वेज से कई तरह के संकेत देते हैं। इन संकेतों को समझना बेहद जरूरी है:
शुरुआती चेतावनी (इसे नजरअंदाज न करें)
1. जम्हाई लेना या होंठ चाटना: अगर कुत्ता तनाव में है, तो वह बार-बार जम्हाई लेगा या अपने होंठ चाटेगा।
2. कान पीछे करना: डरा हुआ कुत्ता अपने कानों को पीछे की ओर चिपका लेता है।
3. पूंछ नीचे करना: पूंछ को दोनों टांगों के बीच में दबाना डर और असुरक्षा का बड़ा संकेत है।
4. शरीर को सिकोड़ना: कुत्ता अपने शरीर को छोटा दिखाने की कोशिश करता है और जमीन से चिपक कर चलता है।
5. आंखें चुराना: वह सीधे आंख मिलाने से बचता है और अपना मुंह फेर लेता है।
गंभीर चेतावनी (अब आपको पीछे हट जाना चाहिए)
1. गुर्राना (Growling): यह कुत्ते की तरफ से एक साफ चेतावनी है कि "मुझसे दूर रहो, मैं असहज महसूस कर रहा हूँ।"
2. शरीर का अकड़ जाना: कुत्ते का पूरा शरीर पत्थर की तरह सख्त और स्थिर हो जाता है।
3. रोंगटे खड़े होना: उसकी पीठ के बाल (Hackles) खड़े हो जाते हैं।
4. घूरकर देखना: वह बिना पलक झपकाए आपको घूरना शुरू कर देता है।
हमले से ठीक पहले के संकेत (खतरे का उच्चतम स्तर)
1. दांत दिखाना: गुर्राने के साथ-साथ दांत दिखाना हमले का स्पष्ट संकेत है।
2. झपटना (Lunging): वह आपकी तरफ झपट्टा मारने की कोशिश करता है।
3. हवा में काटना (Snapping): वह बिना छुए, आपके पास हवा में काटने की कोशिश करता है।
क्यों और किन परिस्थितियों में कुत्ता आक्रामक होता है?
1. डर (Fear): कुत्तों में आक्रामकता का सबसे बड़ा कारण डर होता है। जब उन्हें लगता है कि कोई इंसान या जानवर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है, तो वे आत्मरक्षा में हमला करते हैं।
2. दर्द या बीमारी: अगर कुत्ता किसी अंदरूनी दर्द या बीमारी से जूझ रहा है, तो छूने पर या उसके पास जाने पर वह दर्द के कारण चिड़चिड़ा होकर काट सकता है।
3. असुरक्षा: अपने भोजन, खिलौने, जगह या अपने मालिक को लेकर असुरक्षित महसूस करने पर भी कुत्ता आक्रामक हो सकता है।
4. खराब अनुभव: जिन कुत्तों के साथ अतीत में मारपीट या बुरा बर्ताव हुआ हो, वे इंसानों पर आसानी से भरोसा नहीं करते और डर के कारण हिंसक हो सकते हैं।
5. सामाजिककरण की कमी: जिन पिल्लों को बचपन में दूसरे कुत्तों और इंसानों से घुलने-मिलने का मौका नहीं मिलता, वे बड़े होकर डरपोक और शक्की स्वभाव के हो जाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का व्यावहारिक पहलू
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह चुनौती नगर निगम और पशु कल्याण संस्थाओं के सामने होगी कि वे आक्रामक कुत्तों की पहचान कैसे करें।
1. विशेषज्ञों की भूमिका: यह काम किसी आम इंसान का नहीं है। इसके लिए प्रशिक्षित पशु चिकित्सकों (Veterinarians) और पशु व्यवहार विशेषज्ञों की जरूरत होगी, जो कुत्ते के व्यवहार का सही आकलन कर सकें।
2. संतुलन की आवश्यकता: यह फैसला जन सुरक्षा और पशु कल्याण के बीच एक संतुलन बनाने की कोशिश है । इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि न तो किसी निर्दोष इंसान को कुत्ते के हमले का शिकार होना पड़े और न ही किसी बेजुबान जानवर को बेवजह सजा मिले।
अंत में, यह समझना जरूरी है कि हर कुत्ते का व्यवहार अलग होता है। किसी कुत्ते को सिर्फ उसकी नस्ल के आधार पर 'हिंसक' मान लेना अन्याय है। जरूरत है कि हम उनके संकेतों को समझें, उनकी सीमाओं का सम्मान करें और एक सुरक्षित समाज के निर्माण में मदद करें।
MA
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