राहुल गांधी ने पूर्व सैनिकों की पुनर्वास नीतियों, स्वास्थ्य सुविधाओं पर चिंता जताई
नई दिल्ली, 29 दिसंबर, 2025 (ANI): सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को रक्षा पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक में पूर्व सैनिकों से जुड़े कई मुद्दों को उठाया, जैसे कि भर्ती में कमी, स्वास्थ्य इलाज में कठिनाइयाँ और स्वास्थ्य फंड का अपर्याप्त आवंटन।
राहुल गांधी ने अस्पतालों, खासकर प्राइवेट अस्पतालों में पूर्व सैनिकों को इलाज कराने में होने वाली दिक्कतों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जब पूर्व सैनिकों को प्राइवेट अस्पतालों में रेफर किया जाता है, तो उन्हें एडमिशन और इलाज में काफी दिक्कतें आती हैं क्योंकि कई अस्पताल सरकार से बकाया पेमेंट का हवाला देकर इलाज करने से मना कर देते हैं।
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने कैंसर जैसी बीमारियों के लिए पूर्व सैनिकों को आवंटित अपर्याप्त राशि पर भी सवाल उठाए और आग्रह किया कि राशि बढ़ाई जाए।
उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों को कैंसर और किडनी से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए सिर्फ 75,000 रुपये मिलते हैं। उन्होंने सवाल किया कि इतनी कम रकम में कैंसर या किडनी का इलाज कैसे संभव है और कहा कि यह सहायता बढ़ाई जानी चाहिए।
राहुल गांधी रक्षा पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य हैं। बैठक का एजेंडा पूर्व सैनिकों के लिए पुनर्वास नीतियों, स्वास्थ्य सुविधाओं और अवसरों की समीक्षा करना था।
इससे पहले, लोकसभा में विपक्ष के नेता ने देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की नस्लीय हत्या की कड़ी निंदा की और बीजेपी पर "नफरत को सामान्य बनाने" का आरोप लगाया, जिससे ऐसी घटनाएँ हो रही हैं। एंजेल चकमा पर हुए क्रूर हमले के खिलाफ आवाज उठाते हुए राहुल गांधी ने लोगों से "सोचने और सामना करने" और "एक मृत समाज" न बनने का आग्रह किया।
राहुल गांधी की यह टिप्पणी देहरादून में एमबीए छात्र एंजेल चकमा और उनके भाई माइकल चकमा पर बदमाशों के एक समूह द्वारा चाकू और अन्य धारदार हथियारों से किए गए हमले के बाद आई है। 9 दिसंबर को एंजेल चकमा ने अस्पताल में चोटों के कारण दम तोड़ दिया था। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने X पर एक पोस्ट में कहा, "देहरादून में एंजेल चकमा और उनके भाई माइकल के साथ जो हुआ, वह एक भयानक हेट क्राइम है। नफ़रत रातों-रात पैदा नहीं होती। सालों से इसे रोज़ाना ज़हरीले कंटेंट और गैर-ज़िम्मेदार बातों के ज़रिए फैलाया जा रहा है - खासकर हमारे युवाओं के बीच। और सत्ताधारी BJP के नफ़रत फैलाने वाले नेताओं द्वारा इसे नॉर्मल बनाया जा रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "भारत सम्मान और एकता पर बना है, डर और गाली-गलौज पर नहीं। हम प्यार और विविधता वाला देश हैं। हमें एक ऐसा मरा हुआ समाज नहीं बनना चाहिए जो अपने साथी भारतीयों को निशाना बनाते हुए चुपचाप देखता रहे। हमें सोचना चाहिए और सामना करना चाहिए कि हम अपने देश को क्या बनने दे रहे हैं।"
राहुल गांधी ने चकमा परिवार और नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के साथ एकजुटता भी ज़ाहिर की। उन्होंने कहा, "मेरी संवेदनाएं चकमा परिवार और त्रिपुरा और नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के साथ हैं। हमें आपको अपना साथी भारतीय भाई-बहन कहने पर गर्व है।"
इस घटना के सिलसिले में पांच लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से दो आरोपी नाबालिग हैं और उन्हें जुवेनाइल रिफॉर्म होम भेज दिया गया है। पुलिस फरार आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है, जिस पर ₹25,000 का इनाम घोषित किया गया है। उत्तराखंड CMO के अनुसार, फरार आरोपी की तलाश में एक पुलिस टीम को नेपाल भी भेजा गया है। (ANI)
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