जब देश पुकारे, तो हम तैयार हों – राज्यपाल कटारिया का युवाओं से आह्वान
देश सेवा के लिए युवाओं की उमड़ी भीड़
टैगोर थिएटर और तिरंगा अर्बन पार्क में 3,000 से अधिक स्वयंसेवकों ने नागरिक सुरक्षा नायकों के रूप में नामांकन कराया
प्रशासक की भावनात्मक अपील ने अदृश्य योद्धाओं की नई पीढ़ी को किया प्रेरित
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 10 मई 2025: यह केवल नागरिक सुरक्षा नामांकन अभियान नहीं था; यह कर्तव्य के प्रति एक उत्साहजनक आह्वान था। पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया के प्रेरणादायक नेतृत्व में, 3,000 से अधिक युवा नागरिक बढ़ती अनिश्चितता के समय में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों के रूप में सेवा करने के लिए आगे आए।
टैगोर थिएटर (सेक्टर 18) और तिरंगा अर्बन पार्क (सेक्टर 17) में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में न केवल जबरदस्त प्रतिक्रिया देखी गई, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और युवा दृढ़ संकल्प की भी लहर देखने को मिली। राज्यपाल कटारिया की उपस्थिति ने माहौल में जोश भर दिया। उनके विचारों ने युवाओं को न केवल एक नागरिक के रूप में, बल्कि राष्ट्र की आत्मा के रक्षक के रूप में प्रेरित किया।
राज्यपाल का भावुक संदेश:
भारत के गुमनाम नायकों की लंबी परंपरा को याद करते हुए, जिन्होंने बिना किसी पद या मान्यता के सेवा की, राज्यपाल कटारिया ने अतीत के अदृश्य योद्धाओं का स्मरण किया। उन्होंने 1962, 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान नागरिकों द्वारा निभाई गई भूमिकाओं की चर्चा की—स्कूलों को बंकरों में बदलना, घायलों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना और बिना किसी इनाम की अपेक्षा के दिन-रात काम करना।
कटारिया ने कहा, "उनके पास कोई पदक नहीं था, लेकिन उनके अंदर भारत का दिल धड़क रहा था।" उन्होंने सभी को याद दिलाया कि जब हमारे बहादुर सैनिक सीमाओं पर देश की रक्षा करते हैं, तब नागरिक स्वयंसेवकों की जिम्मेदारी है कि वे देश की भावना को सुरक्षित रखें। उन्होंने इसे "नागरिक सुरक्षा एक सेवा नहीं, बल्कि एक पवित्र जिम्मेदारी" बताया।
युवाओं से किया आह्वान:
राज्यपाल ने युवाओं से दिल से अपील की और उन्हें अग्रिम मोर्चे के पीछे की ताकत बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "आप भारत का भविष्य हैं, लेकिन इस समय आप इसकी ढाल भी हैं।" टैगोर थिएटर में उनके प्रेरणादायक भाषण के बाद तालियों की गूंज से पूरा हॉल गूंज उठा। तिरंगा अर्बन पार्क में लहराते तिरंगे के नीचे सैकड़ों लोगों ने न केवल युद्ध के समय, बल्कि हर संकट में सेवा करने की शपथ ली।
चंडीगढ़ प्रशासन की सहभागिता:
इस ऐतिहासिक दिन पर आयोजित इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ के गृह सचिव मंदीप सिंह बराड़, डिप्टी कमिश्नर निशांत कुमार यादव, एसएसपी कंवरदीप कौर और प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। उन्होंने भी युवाओं के इस संकल्प की सराहना की और इसे सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम बताया।
3,000 से अधिक स्वयंसेवकों का नामांकन:
यह एक साधारण नामांकन नहीं था, बल्कि एक आंदोलन की पुनः शुरुआत थी। 3,000 से अधिक नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए देश की सेवा के लिए हस्ताक्षर किए। राज्यपाल कटारिया ने स्वयंसेवकों से संवाद किया, उन्हें प्रोत्साहन के शब्द कहे और उनकी पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा, "आप किसी सैनिक से कम नहीं हैं। आप भारत का विश्वास लेकर चलते हैं।"
यह अभियान न सिर्फ एक सरकारी पहल थी, बल्कि एक नई ऊर्जा और देशभक्ति की भावना का प्रतीक बन गया। राज्यपाल के प्रेरणादायक नेतृत्व ने युवा पीढ़ी को यह एहसास दिलाया कि जब भी देश पुकारेगा, वे हमेशा तैयार खड़े होंगे।
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