भारत और पाकिस्तान के बीच आज शाम 5 बजे से युद्धविराम - विदेश मंत्रालय
रमेश गोयत
चंडीगढ/नई दिल्ली, 10 मई 2025। भारत और पाकिस्तान के बीच आज शाम 5 बजे से युद्धविराम लागू होगा। इस महत्वपूर्ण घोषणा की जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस वार्ता के दौरान दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि दोनों देशों के बीच आपसी समझौते के तहत यह निर्णय लिया गया है। युद्धविराम का उद्देश्य सीमा पर शांति स्थापित करना और दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली को मजबूत करना है।
समझौता कैसे हुआ?
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से दोनों देशों के सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर वार्ताओं का दौर चल रहा था। इन वार्ताओं का मुख्य उद्देश्य सीमा पर जारी तनाव को कम करना था। हाल ही में दुबई में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच बंद दरवाजों के पीछे गहन चर्चा हुई, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
क्या होगा युद्धविराम के तहत?
युद्धविराम के अंतर्गत दोनों पक्ष नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई नहीं करेंगे। इसके अलावा, गोलीबारी, मोर्टार शेलिंग और घुसपैठ जैसी गतिविधियों पर भी पूरी तरह रोक लगाई जाएगी। दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को भी इसके तहत राहत मिलेगी।
प्रतिक्रिया कैसी रही?
इस घोषणा का भारतीय सुरक्षा बलों ने स्वागत किया है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि युद्धविराम लागू होने से सीमा पर तैनात जवानों को कुछ हद तक राहत मिलेगी। दूसरी ओर, पाकिस्तान की तरफ से भी सकारात्मक संकेत दिए गए हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह कदम दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा।
क्या यह स्थाई समाधान है?
विशेषज्ञों का मानना है कि युद्धविराम एक अच्छा संकेत है, लेकिन इसे स्थाई समाधान नहीं कहा जा सकता। इससे पहले भी कई बार युद्धविराम समझौतों का उल्लंघन होता रहा है। अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि शांति वार्ता और आपसी विश्वास बहाली के साथ इसे आगे बढ़ाना होगा।
आगे की राह
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस युद्धविराम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिल रही है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस कदम की प्रशंसा की है और दोनों देशों से शांति वार्ता जारी रखने का आग्रह किया है।
इस ऐतिहासिक घोषणा पर सबकी निगाहें हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों देश कितनी प्रभावी तरीके से इस युद्धविराम का पालन करते हैं।
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