महंगाई का तड़का : ग्राहकों की जेब पर कैंची; और कड़वा हुआ सरसों का तेल, गरी-किशमिश ने भी बनाई रेल
अचानक रेट बढ़ने से ग्राहकों की जेब पर कैंची; मस्टर्ड ऑयल 40 रुपए महंगा, ड्राई फ्रूट के 500 से 600 रुपए तक पहुंचे दाम
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला/धर्मशाला, 22 जुलाई 2025 : हिमाचल प्रदेश में बरसात की मार के बीच अब रसोई में सरसों के तेल का तड़का अचानक महंगा हो गया है। बाजार में सरसों के विभिन्न तेल के ब्रांडों में पिछले एक से दो सप्ताह में ही अचानक 35-40 रुपए प्रति किलो तक बढ़ोतरी हो गई है।
अब तक 175-180 रुपए में मिलने वाले तेल के दाम 200 से 215 रुपए तक पहुंच गए हैं, जबकि उचित मूल्य की दुकानों में पुरानी सप्लाई के तहत 147-150 रुपए तक सरसों तेल मिल रहा था, जिसमें भी अब नए टेंडर होने पर बढ़ोतरी हो सकती है। इतना ही नहीं दाख (किशमिश) व गरी के दामों में भी दोगुना बढ़ोतरी हुई है। इसमें दाख 250 से सीधे 500 से 600 तक पहुंच गई है। साथ ही गरी प्रति किलो रेट की अगर बात की जाए, तो 150 से 200 से सीधे 400 रुपए दाम हो गए हैं। बरसात के बीच एक सप्ताह में ही दामों में बड़े उछाल आने से कारोबारियों संग उपभोक्ताओं को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है।
सरसों के घटते उत्पादन से महंगाई का झटका
खाद्य तेल की कीमतों में 35 से 40 रुपए प्रति लीटर उछाल आया है। आगामी समय में यह बढ़ोतरी 45 से 50 रुपए प्रति लीटर या इससे अधिक भी पहुंच सकती है। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। वहीं, दाख व गरी भी महंगी हो गई है। देश में सरसों के घटते उत्पादन का सीधा असर सरसों तेल की कीमतों पर दिखने लगा है।
मंडियों में घटी सरसों की आवक
कांगड़ा के कारोबारियों में व्यापार मंडल दाड़ी के अध्यक्ष हर्ष ओबराय, होशियार व शुभम से बात करने पर उन्होंने बताया कि सरसों के दामों में अचानक तेजी आई है। सरसों तेल की घरेलू मांग में वृद्धि हो रही है, प्रमुख मंडियों में सरसों की आवक घटकर सीमित बोरी पर आ गई है। (SBP)
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