मेयर का कार्यकाल 5 साल का हो, जनता सीधे चुने": सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने सांसद मनीष तिवारी के प्रस्ताव को बताया शहर के विकास के लिए जरूरी कदम
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 08 जून 2025
चंडीगढ़ नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए सांसद मनीष तिवारी द्वारा प्रस्तावित मेयर के सीधे चुनाव और 5 साल के कार्यकाल की मांग का खुला समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यदि चंडीगढ़ को वास्तव में एक विकसित, योजनाबद्ध और तेजी से आगे बढ़ता शहर बनाना है तो स्थायी और शक्तिशाली नेतृत्व की आवश्यकता है, जो केवल जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने गए 5 वर्षीय मेयर से ही संभव हो सकता है।
वर्तमान व्यवस्था पर उठे सवाल
इस समय चंडीगढ़ नगर निगम में हर साल मेयर चुना जाता है, जो अक्सर राजनीतिक अस्थिरता, निर्णयों में देरी और विकास कार्यों में रुकावट का कारण बनता है। बंटी ने कहा:“हर साल मेयर बदलने से नीतियों की निरंतरता नहीं बन पाती। एक साल में न तो योजनाएं पूरी हो पाती हैं और न ही जवाबदेही तय होती है। यह व्यवस्था केवल कागजों पर कार्य करती है, जमीन पर नहीं।”
जनता के अधिकार की बात
बंटी ने ज़ोर देकर कहा कि चंडीगढ़ के नागरिकों को यह अधिकार मिलना चाहिए कि वे अपना मेयर खुद चुनें। उन्होंने कहा:“अगर जनता सीधे मेयर चुनेगी, तो उस नेता की जवाबदेही सिर्फ पार्षदों के सामने नहीं, पूरे शहर के नागरिकों के प्रति होगी। इससे पारदर्शिता और सुशासन का मार्ग खुलेगा।”
मनीष तिवारी के बिल को बताया दूरदर्शी सोच
बंटी ने सांसद मनीष तिवारी की सराहना करते हुए कहा कि वे चंडीगढ़ के लिए एक ऐतिहासिक प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं। तिवारी ने घोषणा की है कि वे संसद में एक प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे जिसमें चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा।मेयर का चुनाव जनता के प्रत्यक्ष मतदान से होगा। मेयर को प्रशासनिक और विकासात्मक अधिकार प्रदान किए जाएंगे।
बंटी की जनता से अपील
बंटी ने शहरवासियों से भी अपील की कि वे इस प्रस्ताव का खुलकर समर्थन करें, ताकि चंडीगढ़ को एक सशक्त, स्थिर और उत्तरदायी नेतृत्व मिल सके।“मैं शहरवासियों से निवेदन करता हूं कि इस परिवर्तन की दिशा में अपना समर्थन दर्ज कराएं। यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह चंडीगढ़ के भविष्य का सवाल है।”
राजनीतिक वार्डो में हलचल
इस मुद्दे को लेकर चंडीगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो यह चंडीगढ़ के स्थानीय शासन प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव होगा। इससे मेयर को न केवल अधिकार, बल्कि लंबी अवधि की जिम्मेदारी भी मिलेगी, जो शहर की दिशा और दशा तय करेगी।
5 साल का कार्यकाल और जनता द्वारा चुना गया मेयर, यह मांग अब केवल एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि एक विकासशील शहर की जरूरत बन चुकी है। जसबीर सिंह बंटी और मनीष तिवारी की इस संयुक्त पहल को अगर राजनीतिक और सामाजिक समर्थन मिला, तो यह चंडीगढ़ की प्रशासनिक तस्वीर को पूरी तरह बदल सकता है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या केंद्र सरकार और संसद इस प्रस्ताव को समर्थन देती है, और क्या चंडीगढ़ वाकई "सिटी ब्यूटीफुल" से "सिटी ऑफ स्ट्रॉन्ग गवर्नेंस" बनने की दिशा में कदम बढ़ाता है।
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