चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस फिर विवादों में घिरी – थानेदार का थप्पड़ कांड बना पुलिस की किरकिरी का कारण
वीडियो वायरल, पूरे उत्तर भारत में गूंजा मामला, अब माफी मांगने को पीड़ित की तलाश में थानेदार
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 8 जून 2025
चंडीगढ़ की ट्रैफिक पुलिस एक बार फिर विवादों और आलोचनाओं के घेरे में आ गई है। पहले हेलो माजरा लाइट प्वाइंट पर हरियाणा के एक ब्लॉक समिति चेयरमैन से कथित तौर पर पैसे वसूलने का मामला सामने आया था, जो अभी तक पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था, और अब सेक्टर 38 लाइट प्वाइंट पर ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस थानेदार का थप्पड़ एक आम नागरिक को भारी पड़ गया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसने हरियाणा, पंजाब और दिल्ली तक लोगों को झकझोर कर रख दिया है।
घटना का विवरण
घटना शुक्रवार दोपहर की बताई जा रही है। सेक्टर 38 लाइट प्वाइंट पर एक युवक अपनी एक्टिवा स्कूटी पर सवार होकर ट्रैफिक लाइट पर खड़ा था। वहां तैनात एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी (जो थानेदार बताया जा रहा है) ने किसी बात पर युवक को रोका और बातों-बातों में उसे थप्पड़ जड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवक ने पहले ही “सॉरी सर” कहकर माफी मांगी थी और अपनी गलती भी स्वीकार की थी, लेकिन थानेदार का गुस्सा सातवें आसमान पर था।
वीडियो वायरल, पुलिस की छवि को धक्का
घटना का वीडियो वहीं मौजूद एक राहगीर ने बना लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो में थानेदार का थप्पड़ मारना और युवक की बेबसी साफ नजर आती है। वीडियो वायरल होते ही यह मामला चंडीगढ़ तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हरियाणा, पंजाब और दिल्ली तक चर्चा का विषय बन गया। लोगों ने ट्रैफिक पुलिस के इस बर्ताव पर तीखी प्रतिक्रिया दी और पुलिसिया दबंगई पर सवाल उठाए।
अब थानेदार ढूंढ रहा पीड़ित को माफी के लिए
विडंबना यह है कि जिस युवक को सरेआम थप्पड़ मारा गया, अब उसी को ढूंढने के लिए पुलिस प्रयासरत है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस महकमे में वायरल वीडियो के बाद हड़कंप मच गया है और अब संबंधित थानेदार युवक से मिलकर माफी मांगने की कोशिश कर रहा है ताकि मामला शांत कराया जा सके। विभागीय जांच और उच्च अधिकारियों की नाराज़गी से बचने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस की साख पर सवाल
यह घटना सिर्फ एक थप्पड़ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उस प्रणाली की पोल खोलती है जिसमें आम नागरिक को दबाने की प्रवृत्ति निरंतर बढ़ रही है। इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ट्रैफिक पुलिस केवल चालान काटने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कई बार मर्यादा की सीमाएं लांघ रही है। लोगों का कहना है कि कानून के रखवाले यदि खुद ही कानून तोड़ने लगें तो आम जनता कहां जाए?
प्रशासन की चुप्पी, जनता की नाराजगी
अब तक चंडीगढ़ पुलिस या प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए जा सकते हैं। दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं –
क्या थानेदार के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई होगी?
क्या पीड़ित को न्याय मिलेगा?
क्या पुलिस महकमा अपने आचरण की समीक्षा करेगा?
चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस का यह विवाद न केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है बल्कि प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर भी। यदि ऐसे मामलों में पारदर्शिता और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होती, तो लोगों का पुलिस और व्यवस्था पर से भरोसा उठना तय है। अब देखना यह होगा कि पुलिस विभाग इस थप्पड़ कांड को कैसे संभालता है – दबाकर या सुधार के रास्ते पर जाकर।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →