Chandigarh Press Club में ईसाई नेताओं ने की कॉन्फ्रेंस; अंकुर नरूला पर साधा निशाना, कहा 'माफी मांगे'
Babushahi Bureau
चंडीगढ़, 23 दिसंबर: पंजाब भर से आए प्रमुख ईसाई नेताओं ने मंगलवार दोपहर चंडीगढ़ प्रेस क्लब (Chandigarh Press Club) में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) कर जालंधर के पादरी अंकुर नरूला और उनके संगठन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस प्रेस वार्ता का मुख्य उद्देश्य ईसाई धर्म से जुड़े गंभीर मुद्दों और हालिया विवादों पर समाज का पक्ष रखना था।
मुख्य वक्ता श्री रॉबर्ट विलियम (पेंटेकोस्टल चर्च), जगदीश मसीह (नेशनल क्रिश्चियन लीग) और सुखजिंदर गिल (मसीह एकता सभा) ने स्पष्ट किया कि कुछ व्यक्तियों और संगठनों की गलत हरकतों की वजह से पंजाब में पूरे ईसाई समुदाय (Christian Community) की छवि खराब हो रही है।
ईसाई नेताओं द्वारा उठाए गए 7 प्रमुख मुद्दे और मांगें:
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नेताओं ने एक सुर में कहा कि बाइबल अपराध नहीं, बल्कि सदाचारी जीवन जीने की शिक्षा देती है। उन्होंने निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर अपनी बात रखी:
1. रेप केस पर बयान की निंदा: नेताओं ने जालंधर में 13 वर्षीय बच्ची के साथ हुए बलात्कार और हत्या (Rape and Murder) के मामले में अंकुर नरूला द्वारा की गई टिप्पणियों का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि नरूला को अपने असंवेदनशील बयानों के लिए बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए और पीड़ित परिवार से व्यक्तिगत रूप से मिलनी चाहिए।
2. सिद्धू मूसेवाला की मां का पुतला फूंकने पर सफाई: दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की माता चरण कौर का पुतला जलाए जाने की घटना पर ईसाई नेताओं ने गहरा दुख जताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह शर्मनाक कृत्य केवल अंकुर नरूला के अनुयायियों (Followers) द्वारा किया गया था, न कि ईसाई समुदाय द्वारा। ईसाई समाज ऐसे कृत्यों का समर्थन नहीं करता।
3. डीजे-भांगड़ा वाली शोभा यात्रा का विरोध: नेताओं ने अंकुर नरूला द्वारा निकाली गई शोभा यात्राओं में डीजे, भांगड़ा और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को 'गैर-बाइबिलीय' (Non-Biblical) बताया। उन्होंने कहा कि यह ईसाई मूल्यों और संस्कृति के बिल्कुल खिलाफ है।
4. समाज का गलत प्रतिनिधित्व: नेताओं ने 'ग्लोबल क्रिश्चियन एक्शन कमेटी' पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि यह कमेटी केवल अंकुर नरूला मिनिस्ट्री का प्रतिनिधित्व करती है, न कि पूरे 'मसीही भाईचारे' का। इसलिए उन्हें पूरे समाज के नाम पर बयानबाजी बंद करनी चाहिए।
5. पाखंड के खिलाफ समर्थन: प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'पंजाब बचाओ मोर्चा' और उसके अध्यक्ष तेजस्वी मिन्हास का समर्थन किया गया। ईसाई नेताओं ने कहा कि वे भी पाखंड (Hypocrisy) और अंधविश्वास के खिलाफ हैं और धर्म को निजी लाभ के लिए इस्तेमाल करने वाले फर्जी पादरियों से मुक्त कराना चाहते हैं।
6. प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग: नेताओं ने प्रशासन (Administration) से अनुरोध किया है कि अंकुर नरूला और उनके सहयोगियों द्वारा कानूनों के उल्लंघन और भड़काऊ कृत्यों के लिए उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
7. अल्पसंख्यक आयोग चेयरमैन को हटाने की मांग: अंत में, नेताओं ने पंजाब राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन जतिंदर गौरव मसीह को पद से हटाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि चेयरमैन केवल अंकुर नरूला के 'मोहरे' के रूप में काम कर रहे हैं और उन्होंने बाकी ईसाई समुदाय के लिए कुछ नहीं किया है।
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