देश की संप्रभुता के साथ कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं: अनुराग ढांडा
78 साल में पहली बार तीसरे देश ने भारत की ओर से फैसला सुनाया, मोदी सरकार चुप क्यों है?: अनुराग
*पीओके कब्जाने का मौका गंवाया, बलूचिस्तान आज़ाद हो सकता था – मोदी सरकार ने मौका क्यों छोड़ा?: अनुराग ढांडा*
*सैनिक शहीद होते रहे, बहादुरी रंग लाने लगी थी – फिर युद्ध विराम क्यों थोप दिया गया?: अनुराग ढांडा*
*मोदी सरकार बताए – क्या अब भारत के फैसले व्हाइट हाउस से तय होंगे?: अनुराग ढांडा*
*सीजफायर की घोषणा ट्रम्प ने की, फैसला मोदी ने माना – भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला: अनुराग ढांडा*
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 11 मई। आम आदमी पार्टी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा को भारत की संप्रभुता पर सीधा प्रहार बताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने कहा कि जिस समय भारतीय सेना पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादी अड्डों को ध्वस्त कर रही थी, पीओके को वापस लेने का ऐतिहासिक अवसर सामने था, उस समय अमेरिकी हस्तक्षेप स्वीकार कर लेना भारत की ताकत और आत्मसम्मान दोनों के साथ विश्वासघात है।
अनुराग ढांडा ने कहा, “आज तक भारत ने कभी भी पाकिस्तान के मामले में किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया, फिर आज ट्रम्प की क्या मजबूरी थी जो हमारे फैसले उनपर छोड़े गए? यह भारत की विदेश नीति की विफलता और प्रधानमंत्री की चुप्पी पर बड़ा सवाल है।”
उन्होंने पूछा कि जब भारतीय सेना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह कर रही थी, तो सीजफायर की जरूरत क्यों आन पड़ी? पहलगाम में निर्दोष भारतीयों की हत्या करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई अधूरी छोड़ देना क्या शहीदों का अपमान नहीं है? क्या अब भारत अमेरिकी निर्देशों पर चलेगा?
ढांडा ने पीएम मोदी से मांग की कि वे तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलाएं, संसद का विशेष सत्र आयोजित करें और स्पष्ट करें कि आखिर युद्धविराम की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ने क्यों की और भारत सरकार ने उसे क्यों स्वीकार किया? उन्होंने कहा, “देश की जनता जानना चाहती है कि पाकिस्तान से आए उन चार आतंकियों का क्या हुआ जिन्होंने बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ा? क्या उनका हिसाब अब भी बाकी है या अमेरिका ने सब माफ करवा दिया?”
अनुराग ढांडा ने यह भी कहा कि अमेरिका जैसे देश, जो पाकिस्तान को महान और शक्तिशाली कहते हैं, उनकी बात मानना 140 करोड़ भारतीयों के स्वाभिमान और शौर्य का अपमान है। “हमारी सेना जब पीओके को वापिस लेने और बलूचिस्तान को स्वतंत्र कराने की दिशा में आगे बढ़ रही थी, तब सीजफायर की घोषणा भारत की रणनीतिक बढ़त को खत्म करने की साजिश है। प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना होगा।”
आम आदमी पार्टी ने भारतीय सेना की बहादुरी, बलिदान और पराक्रम को नमन करते हुए साफ कहा कि भारत की विदेश नीति और सुरक्षा नीति भारतीय संसद में तय होगी, व्हाइट हाउस में नहीं।
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