भारत-पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमति के कुछ घंटों बाद ही उल्लंघन का आरोप
बाबूशाही ब्यूरो
नई दिल्ली, 11 मई। : भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई, शनिवार को युद्धविराम पर सहमति बनी, लेकिन इसके कुछ ही घंटों बाद भारत ने पाकिस्तान पर इस सहमति के उल्लंघन का आरोप लगाया। शनिवार देर रात आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान से इन उल्लंघनों को दूर करने के लिए उचित कदम उठाने और स्थिति से गंभीरता व जिम्मेदारी के साथ निपटने का आह्वान किया।
मिस्री ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर किसी भी सीमा उल्लंघन की घटना से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया, "पिछले कुछ घंटों से भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच बनी सहमति का बार-बार उल्लंघन हो रहा है। यह आज बनी सहमति का स्पष्ट उल्लंघन है।"
पाकिस्तान से जिम्मेदारी दिखाने का आग्रह
विदेश सचिव ने कहा कि भारत शांतिपूर्ण संबंधों का पक्षधर है, लेकिन किसी भी प्रकार के उकसावे का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने पाकिस्तान से अपील की कि वह युद्धविराम समझौते का पालन करे और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखे।
भारत सरकार ने भी संयुक्त राष्ट्र को इस मामले की जानकारी दी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की अपील की है ताकि संघर्षविराम का पूर्ण पालन सुनिश्चित हो सके।
संघर्षविराम के उल्लंघन का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने पाकिस्तान पर युद्धविराम के उल्लंघन का आरोप लगाया है। पूर्व में भी कई बार संघर्षविराम समझौतों के बावजूद सीमाओं पर गोलीबारी और घुसपैठ की घटनाएं सामने आती रही हैं। दोनों देशों के बीच 2003 में संघर्षविराम समझौता हुआ था, लेकिन इसके बावजूद कई बार इसका उल्लंघन होता रहा है।
आगे की रणनीति
मिस्री ने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना की पूरी तैयारी है और किसी भी प्रकार के उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत शांतिपूर्ण वार्ता के लिए हमेशा तैयार है, बशर्ते पाकिस्तान समझौतों का ईमानदारी से पालन करे।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए यह संघर्षविराम महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका पूर्ण पालन ही दोनों देशों के लिए शांति की दिशा में एक सकारात्मक कदम साबित होगा। अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान इस समझौते का कितना सम्मान करता है और क्षेत्र में शांति स्थापित होती है या नहीं।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →