ऑपरेशन खत्म: बर्बादी को देखकर लोगों की आँखों में पानी
बाबूशाही ब्यूरो
श्रीनगर, 11 मई। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय निवासी की निर्मम हत्या के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया। इस सैन्य अभियान के बाद से नियंत्रण रेखा (LoC) पर तनाव चरम पर पहुंच गया है और पाकिस्तानी सेना द्वारा भारी गोलाबारी शुरू हो गई। इसकी वजह से नियंत्रण रेखा के पास बसे कई गांवों के लोगों को पलायन करना पड़ा।
## **नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी से तबाही**
बुधवार रात से शुरू हुई गोलाबारी का सबसे अधिक प्रभाव बारामुल्ला जिले के उरी, कुपवाड़ा के केरन और बांदीपुरा के गुरेज सेक्टरों में देखा गया। सैकड़ों लोगों ने अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर रुख किया। जब लोग वापस लौटे, तो उनके घर मलबे में तब्दील पाए गए। करनाह के बटपोरा गांव के निवासी फैयाज करनाही ने बताया कि उनका गांव पूरी तरह से तबाह हो गया है।
*"बुधवार रात से ही हमारा इलाका पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी का निशाना बन गया। हमारे गांव के कई लोग श्रीनगर और अन्य सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं,"* करनाही ने बताया।
## **प्रशासन की राहत व्यवस्था**
बारामूला जिले के उरी में नियंत्रण रेखा के नज़दीकी गांवों के हजारों निवासी बारामूला पहुंचे, जहां प्रशासन ने उन्हें एक सरकारी कॉलेज में अस्थायी रूप से ठहराया। हतलंगा गांव के एक युवा छात्र शाहिद रुस्तम ने बताया कि उनके परिवार समेत दर्जनों पड़ोसी भी वहां शरण लिए हुए थे।
*"हम अब वापस लौट रहे हैं। हमारे गांव के 40 घरों में से 20 पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं,"* रुस्तम ने कहा।
## **गुरेज में भी दिखा संघर्ष का असर**
बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर में उरी और कुपवाड़ा की अपेक्षा कम गोलाबारी हुई, लेकिन युद्ध की आशंका से लोग वहां से भी पलायन करने पर मजबूर हुए। गुरेज के निवासी इम्तियाज अहमद ने कहा कि लोग धीरे-धीरे वापस लौटने लगे हैं।
## **युद्ध विराम के बाद आंसुओं से भरी वापसी**
उरी के विधायक सज्जाद शफी ने कहा कि *"उरी सब-डिवीजन में लगभग 1.70 लाख लोग रहते हैं, जिनमें से 50% से अधिक लोग इस संघर्ष से प्रभावित हुए हैं।"* जब लोग अपने घरों को लौटे, तो मलबे में तब्दील घरों को देखकर उनकी आँखों में आंसू थे। बरसों की मेहनत से बनाए घर खंडहर बन चुके थे। लोगों ने सरकार से पुनर्वास और मुआवजा की गुहार लगाई।
## **संघर्ष विराम से मिली राहत**
तीन दिनों तक चले सैन्य तनाव और युद्ध की आशंका के बाद शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा की गई। इस निर्णय से नियंत्रण रेखा के पास रह रहे लोगों ने राहत की सांस ली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की सराहना करते हुए कश्मीर मुद्दे के समाधान में सहयोग की पेशकश की।
स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है, लेकिन संघर्ष विराम के बाद लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं। सरकार ने प्रभावित इलाकों में पुनर्वास और मुआवजा प्रक्रिया जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया है।""
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