चंडीगढ़ में PCR गाड़ी अब एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड के समान आपातकालीन वाहन: रास्ता न देने पर लगेगा ₹10,000 जुर्माना
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 15 मई 2025:
चंडीगढ़ में ट्रैफिक नियमों को और सख्त बनाते हुए पीसीआर गाड़ी को अब एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन वाहनों की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। इसके तहत अगर कोई व्यक्ति सड़क पर इन वाहनों को रास्ता नहीं देता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने ऐसे मामलों पर विशेष निगरानी रखने की योजना बनाई है।
नियम का कानूनी आधार और अधिसूचना
इस नए प्रावधान का कानूनी आधार मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 194ई में निहित है, जिसमें सभी आपातकालीन वाहनों को रास्ता देना अनिवार्य किया गया है। 20 जनवरी 2020 की अधिसूचना के तहत पीसीआर गाड़ी को इस सूची में जोड़ा गया है।
इस नियम के अनुसार, यदि कोई वाहन चालक एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड या पीसीआर वाहन को रास्ता देने में विफल रहता है, तो उसे ₹10,000 तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह जुर्माना तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा और शहर में प्रमुख सड़कों और चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जाएगी।
चालकों की जिम्मेदारी और जागरूकता अभियान
समाजसेवी और आरटीआई एक्टिविस्ट आर.के. गर्ग ने बताया कि अक्सर लोग ट्रैफिक जाम या रेड लाइट के डर से आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देते, जिससे कई बार मरीजों की जान भी खतरे में पड़ जाती है। गर्ग ने कहा, "सड़क पर सायरन की आवाज़ सुनते ही हर वाहन चालक को अपनी लेन बदलनी चाहिए और तुरंत आपातकालीन वाहन को रास्ता देना चाहिए। यह न केवल कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि एक मानवीय कर्तव्य भी है।"
चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने इस नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की भी योजना बनाई है। इसके तहत:
ऑनलाइन और ऑफलाइन जागरूकता: स्कूल, कॉलेज, और सार्वजनिक स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा विशेष सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।
डिजिटल साइनबोर्ड: शहर के प्रमुख चौराहों पर डिजिटल साइनबोर्ड लगाए जाएंगे, जिनमें आपातकालीन वाहनों को रास्ता देने के निर्देश होंगे।
सोशल मीडिया अभियान: ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर वीडियो और पोस्ट के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा।
चालान और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा
चंडीगढ़ में पहले से ही ऑनलाइन चालान प्रणाली लागू है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अगर कोई वाहन चालक सीसीटीवी फुटेज में आपातकालीन वाहन को रास्ता न देते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ ऑनलाइन चालान जारी किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी कारणवश रेड लाइट के उल्लंघन के डर से चालक ने आपातकालीन वाहन को रास्ता नहीं दिया है, तो ट्रैफिक पुलिस के पास उस चालान को रद्द करने का भी अधिकार होगा, बशर्ते कि उचित कारण स्पष्ट किया जाए।
आपातकालीन स्थिति में समय की अहमियत
ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, "आपातकालीन वाहनों को रोके जाने से एक-एक मिनट की देरी किसी की जान पर भारी पड़ सकती है। चंडीगढ़ प्रशासन इस नई पहल के जरिए यह सुनिश्चित करना चाहता है कि एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पीसीआर गाड़ियां बिना किसी रुकावट के अपने गंतव्य तक समय पर पहुंच सकें।"
पीसीआर गाड़ी का शामिल होना इस दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे न केवल अपराध नियंत्रण में तेजी आएगी बल्कि आपातकालीन सेवाओं का भी लाभ अधिक प्रभावी तरीके से मिल सकेगा।
जनता से सहयोग की अपील
ट्रैफिक पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे इस नियम का पालन करें और आपातकालीन वाहनों को रास्ता देकर नागरिक जिम्मेदारी निभाएं।
"एक छोटी सी समझदारी कई ज़िंदगियाँ बचा सकती है," पुलिस अधिकारी ने कहा।
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