Himachal Employees News : सिविल पेंशनर एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन की कार्यकारिणी दोफाड़ होना दुर्भाग्यपूर्ण : गुलशन
बाबूशाही ब्यूरो
कुल्लू, 15 मई, 2025 : हिमाचल प्रदेश पेंशनभोगी संघ ने सिविल पेंशनर एण्ड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन की कार्यकारिणी के दोफाड़ होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष एलआर गुलशन, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार, महासचिव मिलाप चंद, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं भुंतर खण्ड इकाई के महासचिव खुशाल चंद नेगी, प्रदेश उपाध्यक्ष (महिला विंग) लीला डोगरा, संगठन सचिव मनोरमा डोगरा, कोषाध्यक्ष तेज सिंह ठाकुर, प्रदेश वरिष्ठ मुख्य सलाहकार एमआर संगरोली, मुख्य सलाहकार सीताराम ठाकुर, जयकृष्ण ठाकुर,जिला कुल्लू पेंशनभोगी संघ के अध्यक्ष दयाल सिंह ठाकुर, महासचिव किरण चंद शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं भुंतर खण्ड इकाई के अध्यक्ष ओंकार शर्मा,उपाध्यक्ष भागचंद ठाकुर, नरेंद्र कुमार, सब्जा चंद, रवींद्र भार्गव, कमलेश गुप्ता, लीला वर्मा, मनोरमा देवी, कुल्लू शहरी इकाई के अध्यक्ष तेजसिंह ठाकुर, सैंज खण्ड इकाई के अध्यक्ष नारायण सिंह चौहान, आनी इकाई के संयोजक मंगल दास इत्यादि अनेक पेंशनर नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि आत्माराम शर्मा पेंशनर वैलफेयर एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन शहरी इकाई शिमला, जिला शिमला और तथाकथित स्वयंभू प्रदेशाध्यक्ष बन बैठे थे जो मनमाने ढंग से फैसले लेते रहे।
जिससे उनके गुट के लोगों में अंदरखाते विरोध की चिंगारी सुलगती रही और आज उनके कमजोर नेतृत्व के चलते पेंशनर कल्याण संघ दोफ़ाड़ हो गया है। हिमाचल प्रदेश पेंशनभोगी संघ के प्रदेशाध्यक्ष एलआर गुलशन ने कहा कि पेंशनर वैलफेयर एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के तथाकथित प्रदेशाध्यक्ष आत्माराम शर्मा को उनके ही लोगों द्वारा संघ से बर्खास्त किया जाना उनके कमज़ोर नेतृत्व को दर्शाता है। यही हाल जिला कुल्लू में पेंशनर वैलफेयर एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के तथाकथित स्वयंभू अध्यक्ष सेसराम ठाकुर का है जो अवैध तरीके से अध्यक्ष बन बैठे हैं। उन्होंने फ़िर दोहराया कि जिला कुल्लू में सेसराम ठाकुर ने विगत 18 मार्च को खुद ही अपने गुट के चुनावों में बैठक की अध्यक्षता की और खुद ही जिला अध्यक्ष बन गये जबकि कायदे से चुनाव प्रक्रिया पीठासीन अधिकारी और पर्यवेक्षक की मौजूदगी में होना लाज़मी है।
प्रदेशाध्यक्ष एलआर गुलशन ने कहा कि सिविल पेंशनर एण्ड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन जिला कुल्लू के तथाकथित अध्यक्ष सेसराम ठाकुर और उनकी तमाम कार्यकारिणी अवैध, असंवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई है, जिसे पेंशनरों के मामलों को उठाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने स्वयंभू अध्यक्ष सेसराम से पूछा कि उन्होंने लोकतांत्रिक व पारदर्शी चुनाव करवाने के लिये पीठासीन अधिकारी और पर्यवेक्षक को नियुक्त क्यों नहीं किया? चुनाव किसकी अध्यक्षता में करवाये गये? इन यक्ष प्रश्नों का जवाब सेसराम ठाकुर आज तक हिमाचल प्रदेश पेंशनभोगी संघ को नहीं दे पाये और न ही वह प्रैस वार्ता में दिये गये अपने स्पष्टीकरण में इस बाबत ठोस साक्ष्य दे पाए।
प्रदेशाध्यक्ष गुलशन ने कहा कि 18 मार्च को सहकार भवन सरवरी कुल्लू में करवाये गये सिविल पेंशनर एण्ड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के चुनाव का पूरा रिकॉर्ड सेसराम ठाकुर से तलब किया गया था लेकिन सेसराम ठाकुर तीन महीने का समय बीत जाने पर भी अपने गुट के चुनाव का रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने में पूरी तरह विफ़ल रहे। जिससे साफ़ जाहिर होता है कि वह समानांतर गुट के फर्जी अध्यक्ष हैं।
उन्होंने कहा कि कुक्करमुत्तों की तरह अवैथ रूप से गठित किसी भी पेंशनर संगठन को पेंशनरों के हितों से खिलवाड़ नहीं करने दी जाएगी। प्रदेशाध्यक्ष एल०आर० गुलशन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पेंशनभोगी संघ ही प्रदेश में पेंशनधारकों का एकमात्र प्रतिनिधि संगठन है जो पेंशनरों के जायज़ मामलों को प्रदेश सरकार और ज़िला प्रशासन से ज़ोरदार ढंग से उठाता आया है।
उन्होंने दशकों से पदों पर कथित रूप से कुंडली मार कर बैठे समानांतर पेंशनर संगठनों के तथाकथित नेताओं से पूछा कि वे बतायें कि उन्होंने पेंशनरों के आज तक कितने कार्य राज्य सरकार और अफ़सरशाही से निष्पादित करवाये हैं? नये वित्त वर्ष के बज़ट में सरकार ने पेंशनरों की अधिकांश देनदारियों के लम्बित भुगतान हेतु बज़ट का कोई विशेष प्रावधान नहीं किया। इस पर प्रतिक्रिया देने में वे लोग मूकदर्शक क्यों बने रहे? इस ज्वलंत मुद्दे पर उन्होंने चुप्पी क्यों साध रखी? इससे साफ़ जाहिर होता है कि आत्माराम शर्मा और सेसराम ठाकुर जैसे स्वयंभू पेंशनर नेता अपनी कुर्सी तक ही सीमित हैं। उन्हें पेंशनरों से ज्यादा अपनी कुर्सी की फ़िक्र है। पेंशनरों की लम्बित मांगों से उन्हें कुछ भी लेना देना नहीं है।
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