सिर्फ 100 दिन में भाजपा को न्याय मिला - रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने 1984 के नरसंहार के पीड़ितों को नौकरी दी, जिसके लिए भाजपा ने लड़ाई लड़ी थी"
चंडीगढ़, 29 मई
दिल्ली सरकार बनने के मात्र 100 दिन में ही मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 1984 के सिख विरोधी नरसंहार के पीड़ितों के परिवारों को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र जारी करके लंबे समय से लंबित वादा पूरा कर दिया है।
यह ऐतिहासिक कदम कांग्रेस द्वारा दशकों के विश्वासघात और आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा जानबूझकर की गई उपेक्षा के बाद उठाया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा कि यह महज एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं है - यह उन सिख परिवारों को सम्मान, न्याय और उचित मुआवजा दिलाने की दिशा में एक कदम है, जिन्होंने भारतीय इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक को झेला है।
इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रमुख विनीत जोशी भी उपस्थित थे। हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के न्याय के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता तथा भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, दिल्ली के मंत्री एमएस सिरसा, उपाध्यक्ष राजीव बब्बर और सिख मामलों के समन्वयक चरणजीत सिंह लवली और उनके सहयोगी कवलजीत सिंह धीर द्वारा किए गए जमीनी कार्य के लिए उनके प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं।
आप न केवल 84 के नरसंहार पीड़ितों को न्याय दिलाने में विफल रही, बल्कि इसके दस साल के शासन के दौरान किसी भी सिख को मंत्री नहीं बनाया गया।
रिकॉर्ड देखें:
कांग्रेस ने 1984 के दोषियों को बचाया और पुरस्कृत किया।
आप ने दिल्ली पर 10 साल तक शासन किया, लेकिन पीड़ितों के लिए कुछ नहीं किया।
भाजपा ने अदालतों और जमीनी स्तर पर न्याय के लिए अथक प्रयास किया।
सज्जन कुमार और अन्य को भाजपा के कड़े रुख के कारण ही सजा मिली।
भाजपा लगातार 1984 के पीड़ितों और उनके बच्चों के लिए रोजगार और पुनर्वास की मांग करती रही।
यह नरसंहार कांग्रेस द्वारा पूर्वनियोजित षड्यंत्र था, न कि स्वतःस्फूर्त प्रतिक्रिया। भाजपा अब वह काम कर रही है जो अन्य करने में असफल रहे।
अधिक राहत मिलेगी, अधिक नौकरियाँ मिलेंगी और अधिक न्याय मिलेगा। भाजपा हमेशा सिख समुदाय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही है।
मात्र 100 दिनों में न्याय - रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने 1984 के सिख नरसंहार के पीड़ितों को नौकरी प्रदान की
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 29 मई – दिल्ली में सरकार बनने के मात्र 100 दिन के भीतर ही मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 1984 के सिख नरसंहार के पीड़ित परिवारों को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करके लंबे समय से लंबित वादा पूरा कर दिया है। यह ऐतिहासिक कदम न्याय की दिशा में उठाया गया है, जिसे पहले कांग्रेस द्वारा दशकों तक रोके रखने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा जानबूझकर नजरअंदाज किया गया था।
यह महज एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है - यह सिख परिवारों की गरिमा, न्याय और अधिकारों को बहाल करने की दिशा में एक कदम है, जिन्होंने भारत के इतिहास के सबसे काले दौर का सामना किया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह और प्रदेश मीडिया प्रमुख विनीत जोशी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को न्याय सुनिश्चित करने के उनके अटूट संकल्प के लिए तहे दिल से धन्यवाद देते हैं। हम हैं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, मंत्री एम.एस. हम सिरसा, उपाध्यक्ष राजीव बब्बर, सिख मामलों के संयोजक चरणजीत सिंह लवली और उनके सहयोगी कवलजीत सिंह धीर की कड़ी मेहनत को भी सलाम करते हैं, जिनके प्रयासों से यह संभव हो सका।
आप पार्टी न केवल 1984 के दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने में विफल रही, बल्कि अपने 10 साल के शासन में एक भी सिख मंत्री की नियुक्ति नहीं की।
रिकॉर्ड गवाह है: कांग्रेस ने 1984 के दोषियों को संरक्षण दिया और पुरस्कृत किया। आप ने दिल्ली पर 10 साल तक शासन किया, लेकिन पीड़ितों के लिए कुछ नहीं किया। भाजपा ने अदालतों से लेकर जमीनी स्तर तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी। सज्जन कुमार जैसे दोषियों को भाजपा के कड़े रुख के कारण ही सजा मिली।
भाजपा ने लगातार पीड़ितों और उनके बच्चों के लिए रोजगार और पुनर्वास की मांग की। यह नरसंहार कोई अचानक घटी घटना नहीं थी बल्कि कांग्रेस द्वारा रची गई एक पूर्व नियोजित साजिश थी, भाजपा अब वहां न्याय कर रही है जहां अन्य सभी विफल हो गए हैं। भाजपा हमेशा सिख समुदाय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही है।
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