भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की राह पर इंफ्रास्ट्रक्चर की महत्वपूर्ण भूमिका: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल कांफ्रेंस BUILD-2025 का आयोजन
डॉ. विनोद करार बोले: अच्छी सड़कें और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर देश के आर्थिक विकास के लिए अनिवार्य
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़/मोहाली, 30 मई 2025:
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने अग्रणी डिजाइन नवाचारों के साथ शहरी अवसंरचना का निर्माण (BUILD-2025) विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया। इस आयोजन में भारत और विदेश के कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने सिविल इंजीनियरिंग, ग्रीन बिल्डिंग टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबल कंस्ट्रक्शन मटीरियल्स और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपने विचार साझा किए।
मुख्य वक्ता डॉ. विनोद करार, चीफ साइंटिस्ट, सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टिट्यूट ने कहा "पिछले 10 वर्षों में भारत के सड़क और परिवहन नेटवर्क में क्रांतिकारी बदलाव आया है। लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी में सुधार ने औद्योगिक विकास को रफ्तार दी है। भारत की सड़कें अब इतनी मजबूत और उन्नत हो गई हैं कि कई हाईवे पर विमानों की लैंडिंग तक संभव है।"
उन्होंने कहा कि नए चार और छह लेन वाले हाईवे, उन्नत पुल, और मेट्रो नेटवर्क ने शहरी भारत के परिदृश्य को बदल दिया है।
"अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर किसी भी देश के आर्थिक विकास की रीढ़ होता है। जब तक आपके पास विश्व स्तरीय सड़कें और पुल नहीं होंगे, वैश्विक निवेश आकर्षित नहीं किया जा सकता।"
डॉ. करार ने स्टील एग्रीगेट्स और बायोमैटेरियल्स के उपयोग से भारत में बनाई जा रही सस्टेनेबल सड़कों का जिक्र करते हुए कहा, "भारत में लगभग 12 किलोमीटर टिकाऊ सड़कें बनाई गई हैं। इसके अलावा, अमेरिका में भी 10 किलोमीटर सड़क निर्माण किया जा रहा है। यह नवाचार प्रधानमंत्री द्वारा भी सराहा गया है।"
बढ़ती जलवायु चुनौतियों पर ध्यान दिलाते हुए बर्मिंघम यूनिवर्सिटी की रिसर्चर डॉ. चांदनी ठाकुर ने कहा: "अल-नीनो जैसी घटनाएं मौसम को अस्थिर कर रही हैं। सिविल इंजीनियरों को जलवायु अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना होगा, ताकि भविष्य की चुनौतियों का सामना किया जा सके।"
वहीं, जोहान्सबर्ग यूनिवर्सिटी के सीनियर लेक्चरर डॉ. अरबिंदो ओगरा ने कहा: "भारत 2047 तक विकसित भारत बनने की ओर अग्रसर है। इसके लिए स्मार्ट शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन जरूरी है।"
कांफ्रेंस में देश-विदेश के 450 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 150 शोध पत्रों का चयन किया गया।
आईआईटी रुड़की, एनआईटी हमीरपुर, एलएंडटी, अरुण कंस्ट्रक्शन, और अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों ने भी अपने व्याख्यान दिए।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर और सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य
सस्टेनेबल निर्माण तकनीकों, ग्रीन बिल्डिंग मटीरियल्स, ऊर्जा दक्ष डिजाइनों और जलवायु-अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित शोध और नवाचार को बढ़ावा देना था।
BUILD-2025 के प्रमुख बिंदु:
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भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए स्टील स्लैग और बायोमैटेरियल्स का उपयोग
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अल-नीनो और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को ध्यान में रखकर सिविल इंजीनियरिंग डिजाइनों में परिवर्तन की जरूरत
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प्रीफैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर और एडवांस्ड मटीरियल्स के उपयोग से निर्माण कार्य की गति और गुणवत्ता में सुधार
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भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में सिविल इंजीनियरों की भूमिका अहम
BUILD-2025 कांफ्रेंस ने भविष्य के सस्टेनेबल और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में नए विचारों और समाधानों को एक मंच प्रदान किया, जिससे भारत की विकास यात्रा को गति मिलेगी।
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