Himachal News: हिमाचली उद्योगों को राहत, हाई कोर्ट ने AGT की वसूली पर लगाई रोक
एजीटी की वसूली पर रोक लगने से धागा, सरिया, प्लास्टिक कारोबार को होगा लाभ
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 30 मई 2025 :
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक अहम आदेश में राज्य सरकार को उद्योगों से अतिरिक्त माल कर (एजीटी) वसूलने से फिलहाल रोक लगा दी है।
यह आदेश टैक्सटाइल मिल व अन्य उद्योग इकाइयों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया। न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश पैसेंजर एंड गुड्स टैक्सेशन एक्ट 1955 की धारा 3बी और 4ए के तहत कोई भी अतिरिक्त कर नहीं वसूल सकेगी।
कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब राज्य सरकार पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रही है और एजीटी के रूप में हर साल करोड़ों का राजस्व अर्जित करती रही है। हालांकि उद्योग जगत ने इस फैसले का गर्मजोशी से स्वागत किया है और इसे लंबे समय से प्रतीक्षित राहत करार दिया है। यह कर राज्य के भीतर सडक़ मार्ग से माल के परिवहन पर लगाया जाता है, जिसमें हर 250 किलोमीटर की दूरी तय करने पर शुल्क लगता है।
धागा, सरिया, प्लास्टिक, स्टील और सीमेंट जैसे प्रमुख उद्योग इससे सबसे अधिक प्रभावित थे। अब कोर्ट के इस आदेश से इन उद्योगों को भारी आर्थिक बोझ से राहत मिली है और अतिरिक्त कर वसूली फिलहाल के लिए थम गई है। उद्योग संगठनों का कहना है कि यह टैक्स वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी की मूल भावना के खिलाफ है, जो एक देश एक कर के सिद्धांत पर आधारित है।
बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने इसे सकारात्मक पहल बताते हुए कहा कि इसी तरह हम सीजीसीआर को भी हटवाने का प्रयास करेंगे। उनका कहना है कि ये दोनों कर राज्य के उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए ठीक नहीं हैं। (SBP)
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