अमेरिका: ट्रंप के टैरिफ फैसले पर फेडरल कोर्ट का बड़ा फैसला, अस्थाई रूप से बहाल किए गए शुल्क
बाबूशाही ब्यूरो
न्यूयॉर्क, 30 मई: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसलों को लेकर एक अहम अदालती फैसला आया है। फेडरल कोर्ट ने गुरुवार को ट्रंप के अधिकांश टैरिफ को अस्थाई रूप से बहाल करने के आदेश दिए हैं। इससे पहले यूएस इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट ने ट्रंप के टैरिफ पर रोक लगाते हुए कहा था कि उन्होंने अपने अधिकारों का अतिक्रमण किया है।
फेडरल कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि टैरिफ हटाने से अमेरिका की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। कोर्ट के इस आदेश को फिलहाल अस्थाई रूप से लागू किया गया है, जिससे ट्रंप प्रशासन को राहत मिली है। कोर्ट ने इस मामले में पक्षकारों को 5 जून तक जवाब दाखिल करने और ट्रंप प्रशासन को 9 जून तक अपनी दलीलें रखने के निर्देश दिए हैं।
व्हाइट हाउस का बयान
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों पर दुनिया भर के देशों को भरोसा है। उन्होंने कोर्ट के फैसले को "हास्यास्पद" करार दिया और कहा कि सरकार इसे सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की तैयारी कर रही है।
कैरोलिन ने कहा,
"हमारा मिडल क्लास खोखला हो गया है, हमारी मैन्युफैक्चरिंग विदेश चली गई है, नौकरियां छीन ली गई हैं। अब एक अदालत एक ऐसे राष्ट्रपति को रोक रही है, जो इन गलतियों को सुधारना चाहता है। लेकिन हम रुकने वाले नहीं हैं। यह एक वादा है जो राष्ट्रपति ने अमेरिकी जनता से किया था, और वह इसे निभाएंगे।"
उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने आज सुबह जापान के नेता से फोन पर बातचीत की। उन्होंने कहा,
"यह एक अच्छी बातचीत थी। हमारा मंत्रिमंडल दुनिया के अन्य देशों के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि अमेरिका वैश्विक मामलों में सक्रिय रहेगा।"
इससे पहले इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रपति ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है और तत्काल प्रभाव से टैरिफ को रोकने का आदेश दिया था। फेडरल कोर्ट के ताजा फैसले से ट्रंप को अस्थाई राहत मिल गई है, लेकिन कानूनी लड़ाई अभी जारी रहेगी।
आगे की कार्रवाई
कोर्ट ने 5 जून तक सभी पक्षों से जवाब दाखिल करने के लिए कहा है, जबकि ट्रंप प्रशासन को 9 जून तक अपनी दलील पेश करनी है। इससे पहले व्हाइट हाउस ने इमरजेंसी अपील दायर कर दी है और उम्मीद जताई है कि वे यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।
नजर अमेरिका की राजनीति पर
यह मामला अमेरिका की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है, क्योंकि ट्रंप समर्थक इस फैसले को "देश की सुरक्षा" के लिए अहम बता रहे हैं, जबकि विरोधी इसे "अधिकारों का दुरुपयोग" करार दे रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मामले पर कोर्ट और राजनीतिक गलियारों में बहस और तेज हो सकती है।
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