चंडीगढ़ नगर निगम ने व्हाट्सएप शिकायत नंबर को फीडबैक तंत्र से जोड़ा
– नागरिक भागीदारी से मजबूत होगा सेवा तंत्र, स्वच्छता और पारदर्शिता को मिलेगी नई गति
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 14 जून 2025:
चंडीगढ़ नगर निगम (एमसीसी) ने शहरवासियों को अधिक सशक्त और सेवा से जोड़ने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए अपने व्हाट्सएप शिकायत नंबर 9915762917 को अब एकीकृत फीडबैक तंत्र से जोड़ दिया है। यह पहल न सिर्फ शिकायतों के त्वरित समाधान को बढ़ावा देगी, बल्कि सेवा की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने में भी मदद करेगी।
फोकस में नागरिकों की सीधी भागीदारी
नगर आयुक्त अमित कुमार, आईएएस ने जानकारी देते हुए बताया कि यह व्हाट्सएप आधारित प्लेटफॉर्म खासकर खुले में कूड़ा फेंकने और प्लास्टिक कैरी बैग्स जैसे प्रतिबंधित वस्तुओं के उपयोग से जुड़ी शिकायतों के समाधान में सहायक साबित हो रहा है। अब नागरिक ऐसे उल्लंघनों की रिपोर्ट तुरंत कर सकते हैं, जिससे नगर निगम त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित कर सके।
271 शिकायतें प्राप्त, 222 का समाधान
अब तक इस सिस्टम पर कुल 271 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 222 का समाधान कर दिया गया है। शेष 10 शिकायतें प्रक्रियाधीन हैं। साथ ही, समाधान की गुणवत्ता को मापने के लिए एमसीसी ने फीडबैक प्रणाली भी शुरू की है, जिसमें अब तक 17 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं – और सभी सकारात्मक रही हैं।
प्लास्टिक मुक्त चंडीगढ़ की दिशा में कदम
आयुक्त ने बताया कि यह प्लेटफॉर्म नगर निगम को प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने के अभियान में भी मदद कर रहा है। नागरिकों द्वारा भेजी गई शिकायतों से नगर निगम सीधे उल्लंघनकर्ताओं तक पहुंच बना पा रहा है। उन्होंने निवासियों से अपील की कि वे इस नंबर पर पर्यावरण से जुड़ी शिकायतें भी साझा करें।
"जनता की भागीदारी से ही शहर बनेगा स्वच्छ और जिम्मेदार"
अमित कुमार ने कहा, “यह पहल नागरिकों को केवल शिकायतकर्ता नहीं, बल्कि शहर के सुशासन में सक्रिय भागीदार बनाती है। हम नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे इस सेवा का अधिकतम उपयोग करें, अपने अनुभव साझा करें और चंडीगढ़ को स्वच्छ, सुंदर व स्मार्ट बनाने में योगदान दें।”
निवासियों के लिए सीधा जरिया – 9915762917
चंडीगढ़ नगर निगम की यह पहल डिजिटल गवर्नेंस और सार्वजनिक सहभागिता को एक नई दिशा दे रही है। नागरिक इस नंबर के माध्यम से न केवल शिकायत दर्ज करा सकते हैं, बल्कि समाधान पर अपनी संतुष्टि भी साझा कर सकते हैं।
यह पहल दिखाती है कि तकनीक और नागरिकों की भागीदारी मिलकर प्रशासनिक जवाबदेही और सेवा गुणवत्ता को नए शिखर पर पहुंचा सकती है।
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