Himachal News: हिमाचल में भर्ती परीक्षा में नकल पर कड़ी सज़ा; होगी तीन साल की जेल, जानें पूरी खबर
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 29 जुलाई 2025 : हिमाचल प्रदेश सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक जैसी गड़बड़ियों पर नकेल कसने के लिए सख्त कानून लाने का फैसला लिया है। राज्य मंत्रिमंडल ने एक ऐसे विधेयक को मंजूरी दी है, जिसके तहत परीक्षा में नकल करते या करवाते पकड़े जाने वालों को तीन साल तक की जेल और अन्य सख्त दंड का सामना करना पड़ सकता है।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जानकारी दी कि यह विधेयक आगामी मानसून सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इस क़दम का उद्देश्य चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर समेत कई परीक्षाओं में पेपर लीक और संगठित नकल के मामले सामने आए हैं, जिससे हजारों युवाओं का भविष्य अधर में लटक गया। सरकार के इस निर्णय को शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक मजबूत पहल माना जा रहा है।
पांचवीं और आठवीं में फेल होने पर मिलेगा दूसरा मौका, फिर दोहराना होगा साल
हिमाचल सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में भी बड़ा संशोधन किया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद सोमवार को "निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2025" को राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है। इसके तहत अब कक्षा 5वीं और 8वीं में फेल होने पर छात्र को दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा।
यदि छात्र दूसरी बार भी परीक्षा पास नहीं कर पाता, तो उसे उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा। इसके पीछे मकसद बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारना और उन्हें अतिरिक्त सहायता देना है।
यह अधिनियम 6 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार देता है। साथ ही, निजी स्कूलों में 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान भी किया गया है।
सरकार का स्पष्ट संदेश है कि हर बच्चे को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना उसकी प्राथमिकता है, और इसमें किसी तरह का भेदभाव या बाधा स्वीकार्य नहीं होगी। (SBP)
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