आप चंडीगढ़ ने बाजवा की एफआईआर को बताया "राजनीतिक षड्यंत्र", रद्द करने की मांग उठाई
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 14 जुलाई 2025: आम आदमी पार्टी (आप) की चंडीगढ़ इकाई ने कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर नंबर 77 (दिनांक 11 जुलाई 2025) को "राजनीतिक द्वेष से प्रेरित" बताया है और इसे तुरंत रद्द करने की मांग की है। पार्टी ने इसे भाजपा और कांग्रेस की मिलीभगत करार देते हुए कहा कि दोनों दल मिलकर आप की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा गए हैं।
एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं 336(4), 356 और 61(2) के तहत आरोप लगाया गया है कि आम आदमी पार्टी ने 25 जून को श्री बाजवा के एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से पोस्ट किए गए एक वीडियो को एडिट कर उन्हें और कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की।
"राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है एफआईआर"
आप नेताओं हरपाल सिंह चीमा और अमन अरोड़ा का नाम लेते हुए पार्टी ने बयान में कहा कि यह एफआईआर पूरी तरह से झूठे और मनगढ़ंत आरोपों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई ठोस साक्ष्य नहीं है और यह केवल कानूनी तंत्र का दुरुपयोग कर आप की छवि धूमिल करने की साजिश है।
"बीजेपी-कांग्रेस गठजोड़ का सबूत"
आप चंडीगढ़ इकाई ने इस कार्रवाई को भाजपा-कांग्रेस गठजोड़ का प्रमाण बताते हुए कहा कि दोनों दलों ने जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने और आप की आवाज को दबाने के लिए यह फर्जी एफआईआर दर्ज करवाई है।
"डॉक्टर्ड वीडियो का आरोप बेबुनियाद"
पार्टी का कहना है कि डॉक्टर्ड वीडियो या फर्जी कंटेंट फैलाने के आरोप पूरी तरह झूठे हैं। उनका उद्देश्य आप की नैतिक और पारदर्शी राजनीति को कलंकित करना है।
"हम डरने वाले नहीं, कानूनी लड़ाई जारी रहेगी"
पार्टी ने कहा कि वह ऐसे किसी भी षड्यंत्र से डरने वाली नहीं है और वह कानूनी लड़ाई लड़ने का पूरा अधिकार सुरक्षित रखती है। साथ ही उन्होंने प्रशासन से इस एफआईआर की निष्पक्ष समीक्षा कर उसे रद्द करने की मांग की है।
जनता और मीडिया से समर्थन की अपील
आप चंडीगढ़ ने अंत में मीडिया और जनता से इस राजनीतिक साजिश को समझने और न्याय की लड़ाई में उनका साथ देने की अपील की।
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