हरियाणा राजभवन में पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया तीज पर्व
राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष ने तीज पर्व की दी हार्दिक बधाई
हरियाणा की लोकसंस्कृति से सराबोर हुआ तीज महोत्सव
राज्यपाल ने सांस्कृतिक प्रतिभाओं को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेशवासियों को तीज पर्व की दी हार्दिक शुभकामनाएं
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 27 जुलाई – हरियाणा राजभवन में रविवार को हरियाली तीज का भव्य आयोजन पारंपरिक उल्लास और सांस्कृतिक गरिमा के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष ने प्रदेशवासियों को तीज पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए सभी के सुख, समृद्धि और मंगलमय जीवन की कामना की।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी इस पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को तीज पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है, जो हमें अपनी परंपराओं से जोड़ता है।
इस अवसर पर राज्यपाल की धर्मपत्नी श्रीमती मित्रा घोष, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की धर्मपत्नी सुमन सैनी, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण गुप्ता, चंडीगढ़ के मुख्य सचिव राजीव वर्मा, हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर, चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक सागर प्रीत सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
राज्यपाल प्रो अशीम कुमार घोष और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से की, जिसके बाद हरियाणा राज्य गीत की सामूहिक प्रस्तुति ने माहौल को सांस्कृतिक गरिमा से भर दिया। "सावन की रुत आई" जैसे लोकप्रिय हरियाणवी गीतों और पंजाबी लुड़ी पर प्रस्तुत लोकनृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
राजभवन परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था, जिससे संपूर्ण वातावरण उल्लासपूर्ण एवं उत्सवमय हो उठा। महिलाओं और बच्चों के लिए पारंपरिक झूलों की व्यवस्था की गई, जबकि मेंहदी और चूड़ियों की स्टॉल ने उत्सव में खास आकर्षण जोड़ा। विविध प्रकार के पारंपरिक व्यंजनों ने उपस्थित जनों का स्वाद भी दुगना कर दिया।
कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक दलों ने लोकनृत्य और गीतों की मनभावन प्रस्तुतियां दीं। इन प्रस्तुतियों में हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, रंग-बिरंगी परंपराएं और लोकजीवन की झलक देखने को मिली। कलाकारों की इन उत्कृष्ट प्रस्तुतियों से प्रभावित होकर राज्यपाल ने कला एवं संस्कृति विभाग तथा प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को प्रोत्साहन स्वरूप 4 लाख रुपये देने की घोषणा की।
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