चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस का 'वायलेशन' के नाम पर खेल, वीडियो वायरल;
सेवा, सुरक्षा और सहयोग की जगह अवैध वसूली !
छोटा चालान के नाम पर चल रहा खेल!
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 28 जुलाई 2025
चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था और पुलिस की नीयत दोनों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो में एक ट्रैफिक कांस्टेबल को भारी बारिश के दौरान एक वाहन चालक से वायलेशन के नाम पर नकद ₹500 लेते देखा जा सकता है — वह भी बिना किसी वैध चालान की रसीद दिए।
बारिश में सुरक्षित रास्ता बना 'अपराध'
वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि एक परिवार भारी बारिश के कारण जलभराव वाली स्लिप रोड से बचते हुए वैकल्पिक सुरक्षित रास्ता अपनाता है। इसी दौरान एक ट्रैफिक सिपाही उन्हें रोककर चालान करने की बात कहता है और फिर ₹500 नकद लेकर "समझदारी" से मामला सुलझा देता है। चालक बार-बार बताता है कि पानी भरे मार्ग पर गाड़ी चलाना असुरक्षित था, लेकिन पुलिसकर्मी पर कोई असर नहीं होता।
वायरल वीडियो में खुली सच्चाई
कांस्टेबल के हाथ में चालान मशीन भी देखी जा सकती है, जबकि नियमानुसार चालानिंग मशीन का इस्तेमाल केवल आईओ रैंक के अधिकारी ही कर सकते हैं। मगर यहां सिपाही स्तर का कर्मी मशीन लेकर सड़कों पर मनमाने ढंग से चालान काटने के नाम पर अवैध वसूली कर रहा है।
टारगेट पर हरियाणा और पंजाब की गाड़ियां
यह कोई एक दिन की घटना नहीं है। स्थानीय नागरिकों और सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि हरियाणा व पंजाब नंबर की गाड़ियों को टारगेट करना अब चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस का रोज़ का काम बन गया है।
पूर्व शिवालिक डेवलपमेंट बोर्ड चेयरमैन एडवोकेट विजय बंसल ने भी राज्यपाल एवं प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को पत्र लिखकर इस भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ शिकायत की है।
रविवार को सीईटी परीक्षा देने आए युवाओं को भी नहीं छोड़ा
हरियाणा से सीईटी परीक्षा देने आए बेरोजगार युवकों ने भी शिकायत की है कि ट्रैफिक पुलिस ने बिना किसी वाजिब कारण के उन्हें रोका और चालान के नाम पर पैसों की मांग की। युवाओं का कहना है कि परीक्षा जैसी गंभीर परिस्थिति में भी उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया गया।
नतीजा: लोगों ने गाड़ियां लानी बंद कीं
लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं के कारण कई नागरिकों ने चंडीगढ़ में अपनी निजी गाड़ियां लाना तक बंद कर दिया है। व्यापारियों का कहना है कि हर चौक-चौराहे पर पुलिस नियमों की मनमानी व्याख्या कर जुर्माना वसूलती है, जो कहीं से भी न्यायोचित नहीं।
डीजीपी से कार्रवाई की मांग
एडवोकेट विजय बंसल ने चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक डॉक्टर सागर प्रीत हुड्डा से मांग की है कि ऐसे कर्मियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए, ताकि पुलिस की साख और जनता का विश्वास दोनों बहाल रह सकें। वही चंडीगढ पुलिस के ईमानदार पुलिस कर्मचारी व अधिकारी भी आहात है।
चंडीगढ़ प्रशासन को चाहिए कि वह इस वायरल वीडियो और बढ़ती शिकायतों को हल्के में न ले। एक तरफ जनता सुरक्षा चाहती है, दूसरी तरफ कानून लागू करने वाले ही अवैध वसूली में लिप्त हों, तो भरोसे की नींव ही हिल जाती है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह "वायलेशन का खेल" एक बड़ी साख गिरावट का कारण बन सकता है।
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