Vande Mataram के साथ विश्वासघात! Congress ने किए इसके टुकड़े, पढ़ें PM Modi की 10 बड़ी बातें
Babushahi Bureau
नई दिल्ली, 8 दिसंबर, 2025 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' (Vande Mataram) की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला। पीएम मोदी ने इतिहास के पन्नों को पलटते हुए आरोप लगाया कि तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कांग्रेस ने इस पवित्र गीत के टुकड़े कर दिए थे, जिसने आगे चलकर देश के विभाजन के बीज बोए। उन्होंने सदन में स्पष्ट किया कि कैसे मुस्लिम लीग के दबाव में कांग्रेस ने 'वंदे मातरम' के साथ अन्याय किया।
यहां पढ़ें, पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें:
1. ऐतिहासिक अवसर के साक्षी : चर्चा की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 'वंदे मातरम' का स्मरण करना हम सबके लिए परम सौभाग्य की बात है। आज हम संसद में इस गीत के 150 साल पूरे होने पर एक ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।
2. सिर्फ गीत नहीं, युद्धघोष था : पीएम ने जोर देकर कहा कि वंदे मातरम केवल राजनीतिक स्वतंत्रता का मंत्र नहीं था। यह भारत माता को उपनिवेशवाद की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए एक पवित्र 'युद्धघोष' था, जिसने क्रांतिकारियों में जोश भरा।
3. कांग्रेस ने किए गीत के टुकड़े : कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने 'वंदे मातरम' के टुकड़े किए। यह उनका तुष्टिकरण की राजनीति को साधने का तरीका था। उन्होंने आरोप लगाया कि एक समुदाय को खुश करने के लिए इस महान गीत का बंटवारा किया गया।
4. गीत के लिए झुके, फिर देश के लिए पीएम ने एक बहुत बड़ी बात कही कि तुष्टिकरण के दबाव में कांग्रेस पहले 'वंदे मातरम' के बंटवारे के लिए झुकी। यही कारण था कि आगे चलकर कांग्रेस को भारत के बंटवारे (Partition of India) के लिए भी झुकना पड़ा और देश विभाजित हो गया।
5. जिन्ना का विरोध और नेहरू का डर इतिहास का हवाला देते हुए पीएम ने बताया कि 15 अक्टूबर 1936 को मोहम्मद अली जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah) ने लखनऊ से वंदे मातरम के खिलाफ आवाज उठाई थी। इससे तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू को अपना सिंहासन डोलता हुआ दिखा।
6. नेहरू ने जांच शुरू करवाई : मोदी ने कहा कि कायदे से नेहरू को मुस्लिम लीग के आधारहीन बयानों का करारा जवाब देना चाहिए था और उनकी निंदा करनी चाहिए थी। लेकिन, हुआ इसका उल्टा। नेहरू ने गीत का बचाव करने के बजाय 'वंदे मातरम' की ही जांच-पड़ताल शुरू करवा दी।
7. बोस के सामने जताई थी चिंता : पीएम ने बताया कि जवाहरलाल नेहरू ने इस मुद्दे पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सामने भी चिंता व्यक्त की थी। 'आनंदमठ' (Anandamath) और इस गीत का समर्थन करने के बजाय, तर्क यह दिया गया कि इससे मुस्लिम भावनाएं आहत हो सकती हैं।
8. नकाब 'सद्भाव' का, काम 'समर्पण' का : पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम के टुकड़े करने के फैसले को 'सामाजिक सद्भाव' का नकाब पहनाया गया। लेकिन, इतिहास गवाह है कि असल में कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए थे।
9. इमरजेंसी का काला अध्याय : कांग्रेस नेताओं की ओर इशारा करते हुए पीएम ने याद दिलाया कि जब वंदे मातरम के 100 साल पूरे हुए थे, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। उस समय भारत के संविधान का गला घोंटा जा रहा था, इसलिए इसे सही सम्मान नहीं मिल पाया।
10. अन्याय को सुधारने का मौका अं" त में पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सदी में व्यापक भावनात्मक जुड़ाव के बावजूद 'वंदे मातरम' के साथ घोर अन्याय हुआ। अब हमारे पास इसकी महानता को पुनर्स्थापितकरने का अवसर है। आज की युवा पीढ़ी को इसका सही इतिहास जानना बेहद जरूरी है।
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