कुछ ही घंटों में लॉन्च होगा ISRO का 'बाहुबली' LVM-3, जानें क्या है यह मिशन और क्यों है खास
Babushahi Bureau
श्रीहरिकोटा, 24 दिसंबर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) एक बार फिर इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का सबसे शक्तिशाली रॉकेट 'एलवीएम-3' (LVM-3), जिसे प्यार से 'बाहुबली' भी कहा जाता है, अमेरिकी कंपनी के भारी-भरकम सैटेलाइट को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसरो ने बताया कि 'एलवीएम-3 एम6 मिशन' (LVM-3 M6 Mission) के लिए 24 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार को शुरू हो चुकी है। योजना के मुताबिक, यह रॉकेट बुधवार सुबह 8:54 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Space Center) से उड़ान भरेगा और अमेरिकी संचार उपग्रह 'ब्ल्यूबर्ड-ब्लॉक 2' को उसकी कक्षा में स्थापित करेगा।
भारत का सबसे भारी पेलोड मिशन
यह मिशन तकनीकी और वजन के लिहाज से इसरो के लिए बेहद अहम है। एलवीएम-3 रॉकेट अपने साथ 6,100 किलोग्राम वजनी 'ब्ल्यूबर्ड ब्लॉक-2' सैटेलाइट ले जा रहा है। इसरो के मुताबिक, लो अर्थ ऑर्बिट (Low Earth Orbit - LEO) में प्रक्षेपित किया जाने वाला यह अब तक का सबसे भारी पेलोड होगा। इससे पहले इसरो ने सीएमएस-03 सैटेलाइट लॉन्च किया था। बताया जा रहा है कि लॉन्चिंग के करीब 15 मिनट बाद सैटेलाइट रॉकेट से अलग हो जाएगा। यह एलवीएम-3 रॉकेट की छठीं परिचालन उड़ान होगी।
बदल जाएगी मोबाइल नेटवर्क की दुनिया
इस मिशन की सबसे खास बात इसका उद्देश्य है। यह सैटेलाइट अमेरिकी कंपनी 'एएसटी स्पेसमोबाइल' (AST SpaceMobile) का है, जिसका सौदा इसरो की कमर्शियल शाखा 'न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड' (NSIL) के जरिए हुआ है। यह दुनिया का पहला अंतरिक्ष आधारित सेलुलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क (Cellular Broadband Network) विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम है।
1. सीधी कनेक्टिविटी: इस सैटेलाइट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह स्पेस से सीधे आपके स्मार्टफोन को हाई-स्पीड इंटरनेट और नेटवर्क देगा।
2. 4G और 5G सपोर्ट: इसके सफल होने पर दुनिया भर में कहीं भी (जमीन, समुद्र या पहाड़) बिना टावर के 4G और 5G वॉयस कॉलिंग, वीडियो और डेटा सेवाएं मिल सकेंगी।
इसरो चेयरमैन ने लिया भगवान का आशीर्वाद
किसी भी बड़े मिशन से पहले ईश्वर को याद करने की अपनी परंपरा को निभाते हुए, लॉन्चिंग से एक दिन पहले इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन (ISRO Chairman V. Narayanan) ने तिरुमाला के प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना की। फिलहाल, वैज्ञानिकों की नजरें मौसम और तकनीकी मापदंडों पर टिकी हैं, और पूरा देश इस 'बाहुबली' की एक और सफल उड़ान का इंतजार कर रहा है।
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