World Breaking: भारत और ब्रिटेन के बीच Free Trade समझौता; किसानों को मिलेगा विशेष फायदा
Babushahi Bureau
नई दिल्ली/लंदन : भारत और ब्रिटेन के बीच लंबे समय से चर्चा में रही मुक्त व्यापार संधि (Free Trade Agreement) पर गुरुवार को आखिरकार मुहर लग गई। इस ऐतिहासिक समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार को नई रफ्तार देगा और करोड़ों लोगों के जीवन में सीधा असर डालेगा।
???? FTA!
Import duties of 8–12% on Indian garments, sports goods & home textiles will be removed—boosting exports from Punjab. Basmati (Punjab a leading producer) & spices will also become cheaper in the UK, benefiting Punjab’s farmers and exporters! pic.twitter.com/1DCIFVDkYg
— Taranjit Singh Sandhu (@SandhuTaranjitS) July 24, 2025
इस समझौते के तहत ब्रिटेन, भारत के 99 प्रतिशत उत्पादों और सेवाओं पर लगने वाला आयात शुल्क या तो पूरी तरह खत्म करेगा या न्यूनतम स्तर पर ले आएगा। इसका मतलब ये है कि अब भारत से टेक्सटाइल, गहने, इंजीनियरिंग सामान, मशीनरी, ऑटो पार्ट्स, और अन्य कई उत्पाद ब्रिटेन के बाजारों में और भी सस्ते दामों में पहुंच सकेंगे। दूसरी ओर, भारत ने भी ब्रिटेन के 90 फीसदी उत्पादों पर टैरिफ घटाने का फैसला लिया है, जिससे स्कॉटलैंड की स्कॉच व्हिस्की, ब्रिटिश कारें, चॉकलेट और बिस्किट जैसे खाद्य उत्पाद भारतीय बाजार में पहले से सस्ते हो जाएंगे।
ब्रिटेन करेगा भारतीय उत्पादों पर टैरिफ में कमी
इस समझौते के तहत, ब्रिटेन 99 प्रतिशत भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क को न्यूनतम स्तर तक ले आएगा। इसमें फुटवियर, टेक्सटाइल, रत्न और आभूषण, ऑटो पार्ट्स और मशीनरी जैसे प्रमुख उत्पाद शामिल हैं। इसका मतलब यह है कि भारतीय कंपनियां अब अपने सामान को ब्रिटेन के बाजार में कम लागत में बेच सकेंगी, जिससे भारत की प्रतिस्पर्धा वैश्विक बाजार में और मजबूत होगी। इससे भारत के छोटे और मंझले व्यापारियों को भी लाभ मिलेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां ब्रिटेन में अब तक उच्च शुल्क लागू थे।
भारत में ब्रिटिश उत्पादों पर टैरिफ में कमी
इसके साथ ही, भारत ने भी ब्रिटेन के उत्पादों पर टैक्स में कमी का प्रस्ताव दिया है। खासतौर पर ब्रिटेन की स्कॉच व्हिस्की जैसे प्रमुख उत्पादों पर शुल्क को कम किया जाएगा। भारत में पहले 150 प्रतिशत तक के आयात शुल्क को घटाकर 90 प्रतिशत किया जाएगा और अगले दस सालों में इसे 40 प्रतिशत तक लाया जाएगा। इसके साथ-साथ ब्रिटेन की चॉकलेट, बिस्किट और कारों पर भी आयात शुल्क में कमी आएगी, जिससे इन उत्पादों के दाम भारतीय बाजार में कम होंगे और ब्रिटिश उत्पादों की मांग बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री मोदी और कीर स्टार्मर ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते को "सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि एक गहरे रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक" बताया। उन्होंने कहा, "यह समझौता भारत के किसानों, मछुआरों और युवाओं के लिए बेहद लाभकारी होगा। इससे भारतीय उत्पाद ब्रिटेन में आसानी से पहुंचेंगे, साथ ही ब्रिटेन के मेडिकल उपकरण, टेक्नोलॉजी और उत्पाद भारत में सुलभ और किफायती दामों पर उपलब्ध होंगे।"
वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा, "यह समझौता दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगा। इसके जरिए 6 अरब पाउंड का निवेश आकर्षित होगा और हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस समझौते से स्कॉटलैंड के व्हिस्की उद्योग को भी बड़ा फायदा मिलेगा।" स्टार्मर ने आगे कहा कि इससे भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार और सांस्कृतिक रिश्ते को और मजबूती मिलेगी।
सेवा क्षेत्र को भी मिलेगा प्रोत्साहन
इस व्यापार समझौते से सेवा क्षेत्र में भी दोनों देशों को विशेष लाभ होगा। भारत के IT, इंजीनियरिंग, कंसल्टिंग, एजुकेशन और हेल्थकेयर सेक्टर को ब्रिटेन में कार्य करने के अधिक अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, दोनों देशों के कुशल श्रमिकों और पेशेवरों को एक दूसरे के देशों में बेहतर कामकाजी अवसर प्राप्त होंगे। इससे कुल व्यापार लागत में कमी आएगी, जिससे व्यवसायों को फायदेमंद सौदे करने में मदद मिलेगी।
दोनों देशों के लिए एक नई दिशा
इस समझौते से भारत और ब्रिटेन के रिश्तों में न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से मजबूती आएगी, बल्कि यह सांस्कृतिक और रणनीतिक साझेदारी को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। इस समझौते के माध्यम से दोनों देशों के कारोबारी और उपभोक्ता एक दूसरे के बाजार में सस्ते और बेहतर उत्पादों तक पहुंच पाएंगे। यह समझौता वैश्विक व्यापार के लिए एक नए दृष्टिकोण की ओर संकेत करता है।
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