सड़क किनारे सुरक्षित डिलीवरी करवा मानवता की मिसाल बनी महिला सिपाही, DCP ने किया सम्मानित
रमेश गोयत
पंचकूला, 24 जुलाई: पुलिस ड्यूटी सिर्फ कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं होती, बल्कि जब बात मानवता की हो तो वर्दीधारी फरिश्ते भी बन जाते हैं। ऐसा ही एक सराहनीय उदाहरण पेश किया पंचकूला पुलिस की महिला सिपाही अंजलि ने, जिन्होंने सड़क किनारे प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला की सुरक्षित डिलीवरी करवा न सिर्फ दो जिंदगियां बचाईं, बल्कि पुलिस के मानवीय चेहरे को भी उजागर किया।
यह घटना 19 जुलाई की देर रात की है। एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और वह सड़क किनारे बेसहारा हालत में तड़प रही थी। इसी दौरान मौके पर पहुंचीं महिला थाना पंचकूला में तैनात सिपाही अंजलि ने हालात को समझते हुए बिना देर किए मानवीय संवेदनाओं के साथ कदम उठाया। नर्सिंग स्टाफ की तरह बर्ताव करते हुए उन्होंने महिला की सुरक्षित डिलीवरी में सहयोग किया। अंजलि ने न केवल पुलिस फर्ज निभाया, बल्कि एक बहन और एक सखी की तरह व्यवहार करते हुए नवजात के जन्म को सकुशल सुनिश्चित किया।
इस असाधारण कार्य के लिए आज डीसीपी पंचकूला सृष्टि गुप्ता ने महिला सिपाही अंजलि को प्रशंसा पत्र और नकद राशि देकर सम्मानित किया। डीसीपी ने कहा, "यह अंजलि की पहली पोस्टिंग है और इतने कम अनुभव में उसने जिस सूझबूझ, संवेदनशीलता और साहस का परिचय दिया, वह काबिल-ए-तारीफ है। हमें ऐसे पुलिसकर्मियों पर गर्व है जो सिर्फ वर्दी नहीं पहनते, बल्कि उसके असली मायने भी निभाते हैं।"
डीसीपी ने आगे कहा कि यह घटना पूरे पुलिस विभाग के लिए प्रेरणास्रोत है और दर्शाती है कि वर्दी के पीछे भी एक संवेदनशील दिल धड़कता है, जो हर परिस्थिति में आमजन की मदद के लिए तैयार रहता है।
यह घटना सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है और आम जनता द्वारा अंजलि के इस जज्बे की खूब सराहना की जा रही है।
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