भारत-यूके व्यापार समझौता कृषि क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ, निर्यात को मिलेगा नया विस्तार
बाबूशाही ब्यूरो
नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025।
भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हुए व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (CETA) को लेकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे देश के कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए "अद्भुत, अभूतपूर्व और ऐतिहासिक" बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को इस दूरदर्शी निर्णय के लिए हार्दिक बधाई दी और इसे राष्ट्र तथा किसानों के व्यापक हित में बताया।
दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह समझौता भारत के कृषि निर्यात को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। “यूके को हम हर वर्ष लगभग ₹8,500 करोड़ के कृषि उत्पाद निर्यात करते हैं जबकि वहां से ₹3,200 करोड़ के उत्पाद ही आयात करते हैं। यानी भारत का कृषि व्यापार यूके के साथ सरप्लस में है, और अब इसमें और इजाफा होगा,” उन्होंने कहा।
किसानों के हित सर्वोपरि:
कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस समझौते में किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा, “जिन कृषि उत्पादों से हमारे किसानों की आजीविका जुड़ी है, उन पर यूके को कोई रियायत नहीं दी गई है।” गेहूं, चावल, मक्का, सभी प्रमुख अनाज, फल (सेब, अंगूर, आम, अनार), सब्जियां (आलू, प्याज, टमाटर, लहसुन), तिलहन (सोयाबीन, सरसों, मूंगफली), दलहन (चना, मूंग, मसूर, उड़द, तुअर), मसाले (हल्दी, इलायची) और फूलों जैसे उत्पादों पर कोई कन्सेशन नहीं दिया गया है।
भारत से यूके को कृषि निर्यात पर मिलेगी रफ्तार:
श्री चौहान ने बताया कि यूके ने अब भारत से आयात होने वाले सभी प्रमुख कृषि उत्पादों पर 0% इम्पोर्ट ड्यूटी कर दी है, जिससे भारत से भेजे जाने वाले फल, सब्जियां, दालें, तिलहन, औषधीय पौधे और डेयरी उत्पाद यूके में सस्ते दामों पर मिल सकेंगे। इससे भारत के कृषि उत्पादों की मांग यूके में बढ़ेगी और भारतीय किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे।
मुख्य बिंदु:
- भारत-यूके व्यापार समझौता से कृषि क्षेत्र को मिलेगा बड़ा फायदा
- भारत का निर्यात ज्यादा, आयात कम – किसानों को होगा सीधा लाभ
- प्रमुख भारतीय कृषि उत्पादों पर यूके को कोई रियायत नहीं, किसान हित सुरक्षित
- यूके ने भारतीय कृषि निर्यात पर 0% इम्पोर्ट ड्यूटी लागू की
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक उपलब्धि: शिवराज सिंह चौहान
यह समझौता न सिर्फ भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि “मेक इन इंडिया” और “लोकल टू ग्लोबल” विजन को भी मजबूती देगा।
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