चंडीगढ़: चर्चित आईएएस अशोक खेमका आज होंगे रिटायर, 33 साल की ईमानदार सेवा
57 तबादलों के बावजूद सिद्धांतों से नहीं डिगे, रॉबर्ट वाड्रा लैंड डील रद्द कर बटोरी थी सुर्खियां
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 30 अप्रैल। हरियाणा में ट्रांसफर के लिए सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहने वाले और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका आज 33 साल की सेवा के बाद रिटायर हो रहे हैं। वे हरियाणा सरकार में परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त होंगे। उनके सम्मान में आज शाम चंडीगढ़ में हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन की ओर से विदाई समारोह का आयोजन किया गया है।
57 बार तबादले, फिर भी सिद्धांतों से समझौता नहीं
अशोक खेमका 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और अपनी ईमानदारी व निडर फैसलों के लिए जाने जाते हैं। अपनी पूरी सर्विस में उनके 57 तबादले हुए, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने मूल्यों से समझौता नहीं किया। वे हमेशा भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और राजनीतिक दबावों के विरुद्ध खड़े रहे।
रॉबर्ट वाड्रा लैंड डील रद्द कर बटोरी थीं राष्ट्रीय सुर्खियां
खेमका उस वक्त राष्ट्रीय सुर्खियों में आए जब वर्ष 2012 में उन्होंने यूपीए सरकार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की विवादित लैंड डील को रद्द कर दिया था। यह कदम तब की भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के खिलाफ माना गया, लेकिन खेमका डटे रहे।
सरकारें बदलीं, खेमका नहीं बदले
भले ही हरियाणा में सरकारें बदलीं—कांग्रेस से भाजपा तक—but खेमका के तेवर नहीं बदले। वर्ष 2014 में उन्होंने परिवहन आयुक्त के रूप में बिना फिटनेस जांच के दिए जाने वाले सर्टिफिकेट का विरोध किया था, जिससे ट्रक यूनियनों की हड़ताल तक हो गई थी।
सतर्कता विभाग में काम करने की जताई थी इच्छा
पिछले साल खेमका ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सेवानिवृत्ति से पहले भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने लिखा था कि "कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी ताकतवर क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा।" हालांकि, उनकी यह अंतिम ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी।
शिक्षा और पृष्ठभूमि
खेमका का जन्म कोलकाता में हुआ था। उन्होंने IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग, TIFR से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी और बाद में MBA किया।
एक मिसाल बनकर विदा होंगे खेमका
अपने पूरे कार्यकाल में खेमका ने जो साहसिक उदाहरण पेश किए, वे आने वाले अधिकारियों के लिए प्रेरणा बनेंगे। प्रशासनिक क्षेत्र में सिद्धांतों की मजबूत मिसाल छोड़ते हुए वे आज रिटायर हो जाएंगे।
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