चंडीगढ़ नगर निगम को राहत: प्रशासन देगा 238 करोड़, फिर भी गहराया वित्तीय संकट, विपक्ष का हंगामा और टैक्स को लेकर प्रदर्शन
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 30 अप्रैल 2025:
चंडीगढ़ नगर निगम की सदन की बैठक बुधवार को भारी हंगामे और सियासी नारेबाजी के साथ शुरू हुई। प्रॉपर्टी टैक्स में वृद्धि के विरोध में विपक्षी पार्षदों ने पहले सदन के बाहर जमकर नारे लगाए और बाद में कांग्रेस ने सदन के अंदर ‘भारत माता की जय’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाकर माहौल गरमा दिया। कांग्रेस पार्षद काले कपड़े पहनकर बैठक में पहुंचे, जो उनके विरोध का प्रतीक था।
प्रशासन की ओर से 238 करोड़ की मदद, फिर भी संकट गहराया
वित्तीय संकट से जूझ रहे नगर निगम को फिलहाल थोड़ी राहत मिली है। चंडीगढ़ प्रशासन ने नगर निगम को 238 करोड़ रुपए की ग्रांट इन एड देने का ऐलान किया है। हालांकि ये सहायता एक बड़ी राहत जरूर है, लेकिन मौजूदा हालात और बजट घाटे को देखते हुए यह अल्पकालिक समाधान भर नजर आ रहा है।
प्रॉपर्टी टैक्स कम करने की मांग तेज
शहर की मौजूदा मेयर हरप्रीत कौर बबला के नेतृत्व में 10 पूर्व मेयरों का प्रतिनिधिमंडल हाल ही में प्रशासक से मिला और प्रॉपर्टी टैक्स में कटौती की मांग की। जन दबाव और आर्थिक बोझ को देखते हुए टैक्स में राहत की उम्मीद की जा रही है।
निगम का खजाना खाली, विकास कार्य ठप
चंडीगढ़ नगर निगम की वित्तीय स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।
अप्रैल 2024 में निगम के पास 32.81 करोड़ रुपए की नकदी थी।
मार्च 2025 आते-आते यह घाटा 278.58 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
1 अप्रैल 2025 से शुरू हुआ नया बजट, इसी घाटे के साथ शुरू हुआ।
2025–26 बजट विवरण:
कुल अनुमानित बजट: 1,039.76 करोड़
प्राप्ति (ग्रांट + रेवेन्यू): 625 + 414.76 करोड़ = 1,039.76 करोड़
घाटे की समायोजन के बाद बजट: 761.16 करोड़
घाटा: 278.58 करोड़
वार्षिक खर्च (अनिवार्य मदों पर):
वेतन, वेजिज, पेंशन व मेडिकल: 715.30 करोड़ रुपए
बचेगा मात्र: 45.86 करोड़, जिसमें से
बिजली बिल: 156.10 करोड़
माइनर वर्क: 156.85 करोड़
का प्रबंध असंभव दिख रहा है।
निगम की अपनी आय (अनुमान):
पानी–सीवर बिल: 160 करोड़
कॉमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स: 66 करोड़
गारबेज कलेक्शन चार्ज: 33 करोड़
पार्किंग फीस: 25 करोड़
रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी टैक्स: 19 करोड़
अन्य रिसिप्ट: 100.76 करोड़
प्रमुख विकास प्रोजेक्ट जो रुके हुए हैं:
सड़कों की रिकार्पेटिंग – 50 करोड़ का बजट पास, डीएनआईटी नहीं बनी।
2 नए कम्युनिटी सेंटर – सेक्टर 24 (12 करोड़), सेक्टर 51 (25 करोड़), फंड नहीं।
पुराने सेंटर का रेनोवेशन – सेक्टर 29 (6 करोड़), मनीमाजरा (7 करोड़)।
ठेकेदारों के भुगतान लंबित –
रिकार्पेटिंग: 4 करोड़
पब्लिक हेल्थ: 7 करोड़
स्टॉर्म वाटर अपग्रेडेशन: 10 करोड़
निगम की जमीन से उम्मीदें:
मनीमाजरा पॉकेट-6 में स्थित 7.37 एकड़ जमीन को रेजिडेंशियल उपयोग के लिए नीलाम करने की योजना बनाई जा रही है। इससे निगम को 200–250 करोड़ रुपए की आय की उम्मीद है। यदि यह योजना सफल होती है, तो फंसे हुए विकास कार्यों को गति मिल सकती है।
हालांकि चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से मिली 238 करोड़ की मदद नगर निगम के लिए राहत की सांस हो सकती है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए राजस्व वृद्धि, खर्चों की समीक्षा और टैक्स स्ट्रक्चर में सुधार अत्यंत आवश्यक है। साथ ही जनता में असंतोष को देखते हुए प्रॉपर्टी टैक्स पर पुनर्विचार भी अब अपरिहार्य होता जा रहा है।
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