सेक्टर-26 मंडी, चंडीगढ़ में सफाई व्यवस्था पर प्रशासन सख्त, वरिष्ठ अधिकारियों की नियमित नियुक्ति से निगरानी बढ़ी
चंडीगढ़ के प्रशासनिक अधिकारी मंडी की सफाई व्यवस्था पर रखेगे नजर
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 30 अप्रैल 2025:
चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर की प्रमुख व्यावसायिक और खाद्य आपूर्ति केंद्रों में से एक, सेक्टर-26 की मंडी में सफाई व्यवस्था को लेकर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। यू.टी. प्रशासन में सर्वोच्च प्राधिकारी के निर्देश पर, अब मंडी क्षेत्र की स्वच्छता की निगरानी के लिए मासिक शाम के समय वरिष्ठ अधिकारियों को निरीक्षण के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है।
स्वच्छता को प्राथमिकता
सेक्टर-26 मंडी, जो फल, सब्जी और अन्य खाद्य सामग्रियों की थोक और खुदरा आपूर्ति का बड़ा केंद्र है, वहाँ बड़ी संख्या में व्यापारियों, खरीददारों और ट्रांसपोर्ट कर्मियों का रोज़ाना आना-जाना होता है। इस क्षेत्र में स्वच्छता की स्थिति लंबे समय से चिंता का विषय बनी हुई थी। गंदगी, जलजमाव, और कचरे की अनियमित सफाई को लेकर न केवल स्थानीय दुकानदार बल्कि आम नागरिक भी समय-समय पर शिकायतें करते रहे हैं।
इन्हीं शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए यू.टी. प्रशासन ने अब मासिक स्तर पर सघन निरीक्षण की योजना शुरू की है।
वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति
साफ-सफाई की नियमित निगरानी के लिए प्रशासन ने एक टीम तैयार की है, जिसमें विभिन्न सेवाओं से जुड़े अनुभवी अधिकारी शामिल हैं।
इन अधिकारियों को शांति सेक्टर 26 मंडी की सफाई व्यवस्था
अखिल कुमार दानिक्स, अमित कुमार दानिक्स, हरसुहिंदर पाल सिंह बराड़ पीसीएस, रुबिंदरजीत सिंह बराड़ पीसीएस, डॉ. रिचा एचसीएस, प्रधुमन सिंह (एचसीएस), सोरभ अरोड़ा (पीसीएस), पालिका अरोड़ा (पीसीएस), शशि वसुंधरा (एचसीएस), पवित्र सिंह (पीसीएस), सुमीत सिहाग (एचसीएस), जसबीर सिंह व राजीव तिवारी डीपीआर
फोटो और रिपोर्ट के साथ दस्तावेजीकरण अनिवार्य
प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि अधिकारी निरीक्षण के दौरान अपनी टिप्पणियों के साथ फोटो दस्तावेज भी संलग्न करें और हर निरीक्षण के बाद एक औपचारिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह रिपोर्ट भविष्य की कार्रवाई और आवश्यक सुधार के लिए आधार बनेगी।
जनस्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा पर जोर
चंडीगढ़ प्रशासन का मानना है कि स्वच्छता केवल शहर की छवि से नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा से भी जुड़ा मुद्दा है। मंडी जैसे क्षेत्र में गंदगी संक्रमण का कारण बन सकती है और खाद्य सामग्री के साथ स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में यह पहल न सिर्फ प्रशासनिक निगरानी बढ़ाएगी, बल्कि सफाई कर्मियों की जवाबदेही और प्रभावशीलता में भी सुधार लाएगी।
स्थानीय व्यापारियों की उम्मीदें
इस कदम से मंडी क्षेत्र के दुकानदारों और व्यापारियों में भी उम्मीद जगी है। कई दुकानदारों ने प्रशासन से अपील की है कि निरीक्षण के साथ-साथ कचरा निष्पादन की व्यवस्था भी बेहतर की जाए और समय पर डस्टबिन खाली किए जाएं। साथ ही यह भी अपेक्षा की जा रही है कि अवैध पार्किंग और अतिक्रमण को भी नियंत्रित किया जाए जिससे सफाई कर्मियों को बाधा न हो।
सेक्टर-26 मंडी की यह पहल आने वाले समय में चंडीगढ़ के अन्य सार्वजनिक स्थलों के लिए एक मॉडल बन सकती है। प्रशासन का यह प्रयास यदि ईमानदारी और निरंतरता से जारी रहा, तो न केवल मंडी की सफाई व्यवस्था सुधरेगी बल्कि नागरिकों में भी स्वच्छता के प्रति चेतना और सहयोग की भावना विकसित होगी।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →