नागिन नीरा: रंगमंच के माध्यम से गुमनाम वीरांगना को दी श्रद्धांजलि
नीरा आर्य के जीवन पर आधारित नाटक का चंडीगढ़ में भावनात्मक मंचन, दर्शकों की आंखें हुईं नम
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 03 जून 2025:
संगीत नाटक अकादमी, चंडीगढ़ द्वारा आयोजित "कहानियों के रंगमंच" श्रृंखला के अंतर्गत सोमवार को टैगोर थिएटर के मिनी ऑडिटोरियम में ऐतिहासिक और देशभक्ति से ओतप्रोत नाटक "नागिन नीरा" का मंचन किया गया। यह नाटक आज़ाद हिन्द फौज की महिला जासूस नीरा आर्य के जीवन पर आधारित था, जिन्होंने अपने अद्वितीय साहस, निष्ठा और बलिदान से भारत की आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई।
नाटक में दिखाया गया कि किस प्रकार नीरा आर्य ने अपने पति, जो ब्रिटिश सरकार के लिए जासूसी कर रहा था, की हत्या कर राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा साबित की। नाटक के दौरान उनका संघर्ष, आत्मबलिदान और देशप्रेम दर्शकों को भीतर तक झकझोर गया। नीरा आर्य की भूमिका में डॉ. रीटा दत्त के भावनात्मक और सजीव अभिनय ने दर्शकों की आंखों में आंसू ला दिए।
नाटक का लेखन, नाट्य रूपांतरण और कथा वाचन सर्वप्रिय निर्मोही द्वारा किया गया, जो एक प्रसिद्ध रेडियो ब्रॉडकास्टर और मंच संचालक हैं। निर्देशन की जिम्मेदारी अनुभवी रंगकर्मी सुभासिस नियोगी ने संभाली।
प्रमुख पात्रों में शामिल थे:
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नीरा आर्य – डॉ. रीटा दत्त
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जय रंजन – यशस्वी
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नेताजी – समयांक
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स्काउट – मयंक
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पत्रकार – वंश
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रानियाँ – भाव्या, जपजीत, अनाया, कृतिका, आर्या
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ब्रिटिश अधिकारी – रितेश, पीयूष
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नागरिक – उद्भव, राघव, रीटा, सोनू, स्वप्निल नियोगी
नाटक के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम में गुमनाम रहे नायकों को मंच पर लाने का सराहनीय प्रयास किया गया। प्रस्तुति के अंत में पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा और दर्शकों ने खड़े होकर कलाकारों का अभिवादन किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य ना सिर्फ सांस्कृतिक चेतना जगाना था, बल्कि ऐसे नायकों को स्मरण करना भी था जिन्हें इतिहास ने लगभग भुला दिया है। नीरा आर्य जैसी वीरांगनाओं की गाथाएं आज भी नई पीढ़ी को प्रेरणा देने में सक्षम हैं।
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