हरियाणा में रिश्वत का नया चेहरा – गूगल पे बना भ्रष्टाचार का डिजिटल माध्यम
रिश्वतखोरी के दर्जनों मामले उजागर, पंचकूला से पानीपत तक फैला डिजिटल घोटाला
हरियाणा में बढ़ता डिजिटल भ्रष्टाचार: रिश्वतखोरी का नया ज़रिया बना गूगल पे
सरकारी अफसरों और कर्मचारियों द्वारा ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स का दुरुपयोग बढ़ा, दर्जनों मामले सामने आए
पदोन्नति के बदले ₹1.50 लाख रिश्वत की मांग की, ₹96,000 गूगल पे (फोन पे से लिए
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 3 जून 2025:
हरियाणा में भ्रष्टाचार के तौर-तरीकों में बदलाव आ रहा है। जहां पहले रिश्वत नकद में दी जाती थी, वहीं अब गूगल पे जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म इसका नया माध्यम बनते जा रहे हैं। राज्य में अब तक दर्जनों ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां रिश्वत सीधे यूपीआई या मोबाइल पेमेंट ऐप्स के ज़रिए ली गई।
ताज़ा मामला पानीपत का
हाल ही में पानीपत जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में तैनात उप अधीक्षक जोगेन्द्र दास को एसीबी ने रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया। आरोप है कि उन्होंने पदोन्नति के बदले ₹1.50 लाख रिश्वत की मांग की, जिसमें से ₹96,000 गूगल पे (फोन पे) के माध्यम से आरोपी के मोबाइल नंबर पर भेजे गए थे और ₹4,000 नकद में दिए गए। यह पहली बार नहीं है जब किसी अधिकारी ने डिजिटल पेमेंट ऐप का इस्तेमाल रिश्वत लेने के लिए किया हो।
पंचकूला का चर्चित मामला
कुछ समय पहले पंचकूला में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने एक सरकारी वकील से ट्रैफिक उल्लंघन के नाम पर गूगल ले के जरिए पैसे वसूले, लेकिन बाद में सामने आया कि वह गूगल पे अकाउंट एक नज़दीकी होटल मालिक का था।
इस मामले में वकील की शिकायत पर एडीए (एडिशनल डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी) की संस्तुति पर सभी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
डिजिटल लेन-देन की पारदर्शिता बनी चुनौती
राज्य में बढ़ते इन मामलों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या डिजिटल लेन-देन वास्तव में पारदर्शिता ला रहा है, या भ्रष्ट अधिकारी इसका भी दुरुपयोग करने लगे हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि अब जरूरत है कि सरकारी कर्मचारियों के यूपीआई ट्रांजैक्शनों पर निगरानी रखने के लिए एक अलग तंत्र विकसित किया जाए, ताकि ऐसे लेन-देन में सरकारी भ्रष्टाचार की पहचान हो सके।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई अधिकारी उनसे डिजिटल माध्यम से भी रिश्वत मांगता है, तो उसका स्क्रीनशॉट, यूपीआई ट्रांजैक्शन आईडी और फोन नंबर नोट करके शिकायत करें। इससे कार्रवाई तेज़ी से संभव हो सकेगी।
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