विश्व संगीत दिवस पर संगीत का सुरम्य समागम: टैगोर थिएटर में 'सुरों की बरखा' में डूबे श्रोता
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 22 जून —
विश्व संगीत दिवस के अवसर पर चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय संगीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतिम दिन टैगोर थिएटर का सभागार सुरों और तालियों से गूंज उठा। कार्यक्रम में एक के बाद एक मनमोहक प्रस्तुतियों ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक सुरमयी शाम के रंग में पूरी तरह रंग गए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सांसद एवं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन उपस्थित रहे। मंच पर चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष सुदेश शर्मा, उपाध्यक्ष विक्रांत सेठ, सचिव राजेश आत्रेय, प्रसिद्ध सारंगी वादक पंडित विनोद पंवार सहित अनेक गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई, जिसके बाद संगीत निर्देशक डॉ. अरुणकांत एवं उनकी टीम ने कार्यक्रम को सुरों से सजाना शुरू किया। ए. आर. मेलोडीज़ एसोसिएशन के सहयोग से मंच पर कलाकारों ने शास्त्रीय, लोक और बॉलीवुड के लोकप्रिय गीतों की लहरियां बिखेरीं।
मुख्य प्रस्तुतियाँ रहीं:
जसप्रीत जस्सल और श्वेता द्वारा "सुई सुई"
जसप्रीत जस्सल का एकल गीत "इक मेरी अंख काशनी"
कैलाश अटवाल और अरविंद्र कौर की युगल प्रस्तुति "प्यार दे भूलेखे"
विजय टिक्कू द्वारा “मेरे महबूब क़यामत होगी”
दीपांशु और देवी प्रभा मिश्रा की जोड़ी ने "अभी ना जाओ छोड़ के"
दिलजीत ठुकराल ने "मंज़िलें अपनी जगह"
बी डी शर्मा और पुष्पा सक्सेना का "तुम्हारी नज़र क्यों ख़फ़ा हो गई"
विरंची और दिति कौशिक का "तेरे चेहरे से नज़र नहीं हटती"
दीपक का भावपूर्ण "कहीं दूर जब दिन ढल जाए"
पुलकित और अनन्या शर्मा का "ये तेरा घर ये मेरा घर"
जसप्रीत जस्सल का लोकप्रिय पंजाबी गीत "बुहे बारियां"
डॉ. अनिल शर्मा ने सुनाया "यूँ तो हमने लाख हंसी देखे हैं"
श्वेता की एकल प्रस्तुति "आ आभी जा"
सागर और वंशिका का "कुछ कुछ होता है"
तरसेम राज और अरविंद्र कौर ने "रब ना करे"
टोनी सूरी और नैन्सी का धमाकेदार "मेहंदी लगा के रखना"
जसप्रीत और श्वेता ने भावपूर्ण "अल्लाह हू"
बंटी ने "आज उनसे पहली मुलाकात होगी"
पूनम डोगरा और विपुल प्रकाश की जोड़ी ने "ओ साथी चल"
नीरज गौतम और विनय कुमार का "बने चाहे दुश्मन ज़माना हमारा"
जसप्रीत जस्सल की एक और प्रस्तुति "जाच मेनू आ गई ग़म ख़ान दी"
अंतिम प्रस्तुति: "रात्ती तेरी" – जसप्रीत जस्सल और श्वेता द्वारा
कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में संगीत प्रेमी उपस्थित रहे जिन्होंने हर प्रस्तुति पर भरपूर तालियों और उत्साह के साथ कलाकारों का मनोबल बढ़ाया। सुरों की यह शाम संगीत प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गई।
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