चंडीगढ़ यूटी प्रशासन से हरियाणा के अधिकारियों का मोहभंग, एक के बाद एक लौट रहे मूल राज्य में!
क्या चंडीगढ़ यूटी में हरियाणा काडर के अधिकारियों के लिए बन रहा है असहज वातावरण?
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 13 जुलाई 2025:
चंडीगढ़ यूटी प्रशासन और हरियाणा काडर के अधिकारियों के बीच बढ़ती असहमति और असंतोष के संकेत एक बार फिर स्पष्ट हो गए हैं। यूटी में प्रतिनियुक्ति पर आए हरियाणा काडर के कई HCS अधिकारियों ने समय से पहले ही वापस अपने मूल राज्य लौटने की इच्छा जताई है, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या चंडीगढ़ यूटी में हरियाणा अधिकारियों के लिए कामकाज का वातावरण अनुकूल नहीं रह गया है?
शशि वसुंधरा ने जताई वापसी की इच्छा
एचसीएस 2016 बैच की अधिकारी शशि वसुंधरा, जो पिछले एक साल से चंडीगढ़ नगर निगम में जॉइंट कमिश्नर के पद पर तैनात थीं, ने हरियाणा सरकार को लिखित में यूटी से वापसी की सहमति दे दी है। इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने हरियाणा सरकार से उनकी जगह नया पैनल भेजने को कहा है, जिस पर हरियाणा सरकार ने मुहर भी लगा दी है।
पैनल में जिन तीन अधिकारियों के नाम शामिल हैं:
कमलप्रीत कौर (एचसीएस 2011 बैच) – वर्तमान में पंचकूला में एडिशनल डायरेक्टर (एलीमेंट्री एजुकेशन) के पद पर कार्यरत।
राधिका सिंह (एचसीएस 2013 बैच) – होम डिपार्टमेंट, हरियाणा में जॉइंट सेक्रेटरी।
भूपेन्द्र सिंह (एचसीएस 2016 बैच) – वर्तमान में नगर निगम रोहतक के जॉइंट कमिश्नर और पीजीआई रोहतक में जॉइंट डायरेक्टर (एडमिन)।
इनमें से किसी एक अधिकारी की नियुक्ति होते ही शशि वसुंधरा को चंडीगढ़ से रिलीव कर दिया जाएगा।
डॉ. ऋचा राठी ने भी मांगी वापसी
2013 बैच की HCS अधिकारी डॉ. ऋचा राठी, जो 30 जनवरी 2025 को चंडीगढ़ यूटी में तैनात हुई थीं, वर्तमान में छुट्टी पर हैं। उन्होंने भी हरियाणा सरकार को यूटी से वापसी के लिए सहमति पत्र भेजा है। हरियाणा के मुख्य सचिव ने उनके स्थान पर भेजे जाने वाले अधिकारियों का पैनल तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चंडीगढ़ प्रशासन को उनके रिलीव के लिए पत्र भेजा जा चुका है।
पहले भी हो चुकी हैं जल्द वापसी की घटनाएं
शालिनी चेतल एचसीएस अधिकारी Joint Commissioner MC में रहते ही समय से पहले अपने मूल काडर हरियाणा को वापस चली गई थी।
शंभू राठी (एचसीएस) – यूटी प्रशासन की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट होकर समय से पहले हरियाणा लौट गए थे।
संयम गर्ग (एचसीएस) – चंडीगढ़ प्रशासन ने ही उन्हें समय से पहले वापस कर दिया था।
वर्तमान में सेवारत हरियाणा काडर अधिकारी
प्रद्युमन सिंह (एचसीएस 2013 बैच) – निदेशक, CTU
सुमित सिहाग (एचसीएस 2016 बैच) – जॉइंट कमिश्नर, नगर निगम चंडीगढ़।
कंबोज कंबोज (एचसीएस 2016 बैच) – SDM South चंडीगढ़।
वहीं वरिष्ठ पदों पर आईएएस अधिकारी तैनात हैं:
निशांत यादव (आईएएस) – DC, चंडीगढ़।
मनदीप बराड़ (आईएएस) – गृह सचिव,HS चंडीगढ़।
बदलता संतुलन: हरियाणा काडर के अधिकार सीमित
चंडीगढ़ 1966 से केंद्र शासित प्रदेश है, जो पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है। परंपरागत रूप से डीसी और गृह सचिव हरियाणा काडर के अधिकारी होते थे। उनके पास आबकारी और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार होता था। लेकिन बीते एक वर्ष में यह संतुलन स्पष्ट रूप से बदला है:
कमिश्नर, आबकारी एवं कराधान – अब यूटी काडर के IAS (2018 बैच) के अधीन।
सचिव, परिवहन – अब पंजाब काडर के आईएएस अधिकारी के अधीन।
सिटको के एमडी – पहले पंजाब काडर के अधिकारी होते थे, अब यूटी काडर को सौंपा गया।
नगर निगम के कमिश्नर – पंजाब काडर के आईएएस हैं, पर साथ ही एक यूटी काडर के विशेष कमिश्नर को भी जोड़ा गया है।
DANICS काडर की स्थिति
चंडीगढ़ यूटी में वर्तमान में चार दानिक्स( DANICS)काडर के अधिकारी तैनात हैं, जिनमें से दो एसडीएम के साथ-साथ एस्टेट ऑफिसर के तौर पर काम भी देख रहे हैं। हालांकि, आज तक किसी दानिक्स अधिकारी को नगर निगम में तैनात नहीं किया गया है। यहां अब भी नगर निगम में केवल हरियाणा और पंजाब काडर के अधिकारियों की तैनाती की परंपरा चल रही है।
चंडीगढ़ यूटी प्रशासन और हरियाणा काडर के बीच धीरे-धीरे गहराता यह असंतोष कई स्तरों पर प्रशासनिक संतुलन पर प्रश्न खड़े कर रहा है। यदि यही स्थिति बनी रही, तो भविष्य में चंडीगढ़ प्रशासन में हरियाणा काडर के अधिकारियों की भागीदारी और प्रभाव दोनों सीमित हो सकते हैं।
क्या यह केंद्र-राज्य संबंधों की नीतिगत विसंगति का परिणाम है, या यूटी प्रशासन की कार्यशैली में किसी गहराई की ओर इशारा करता है? — यह सवाल अब और अधिक गंभीर होता जा रहा है।
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