डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ ‘नपुंसक बनाने’ के केस में नया मोड़, मुख्य गवाह ने कोर्ट से मांगी सुरक्षा व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हाजिरी की अनुमति
रमेश गोयत
पंचकूला, 13 जुलाई 2025:
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ अनुयायियों को कथित रूप से नपुंसक बनाने के गंभीर मामले में मुख्य गवाह और पीड़ित ने पंचकूला की निचली अदालत में सुरक्षा और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही देने की अनुमति की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें डेरा प्रमुख की ओर से लगातार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष धमकियां मिल रही हैं।
पीड़ित ने यह भी बताया कि जान का खतरा होने के कारण वह जून 2024 में अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ अमेरिका चले गए थे। हालांकि, आर्थिक तंगी के चलते उनका परिवार भारत लौट आया। साथ ही उन्होंने अदालत को बताया कि 2015 में हरियाणा पुलिस द्वारा दी गई सुरक्षा भी 24 मई 2025 को वापस ले ली गई है।
मुख्य गवाह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नवकिरण सिंह ने अदालत में याचिका दायर कर सुरक्षा बहाल करने और सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होने की अनुमति मांगी है।
वहीं, डेरा प्रमुख राम रहीम ने इस याचिका का विरोध करते हुए अपने वकील के माध्यम से अदालत में दलील दी कि वर्चुअल माध्यम से गवाही होने से उनके निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन होगा। राम रहीम की ओर से यह भी आरोप लगाया गया कि अमेरिका में शरण और स्थायी निवास हासिल करने के लिए शिकायतकर्ता द्वारा झूठी धमकियों की कहानी बनाई जा रही है।
गौरतलब है कि यह मामला वर्ष 2015 में उस समय दर्ज हुआ था जब पीड़ित ने सीबीआई को अपनी आपबीती सुनाई। इसके बाद 2018 में गुरमीत राम रहीम और दो डॉक्टरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।
इस बीच सीबीआई ने पीड़ित व उसके परिवार को सुरक्षा दिए जाने के संबंध में जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है। अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई 2025 को निर्धारित की है।
यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है और अदालत के आगामी फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →