चुनाव आयोग एक्शन में! उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी शुरू - कैसे होता है वोटिंग और कौन भर सकता है नामांकन? पढ़ें पूरी Inside Story
Babushahi Bureau
चंडीगढ़/नई दिल्ली। 23 July 2025 : देश को जल्द ही नया उपराष्ट्रपति मिलने जा रहा है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद भारत निर्वाचन आयोग पूरी तरह एक्शन मोड में आ गया है। आयोग ने घोषणा की है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और जल्द ही चुनाव कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा
सोमवार को जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। अगले ही दिन मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। गृह मंत्रालय ने 22 जुलाई 2025 को एक अधिसूचना जारी कर उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की जानकारी चुनाव आयोग को दी थी।
क्या कहा चुनाव आयोग ने?
चुनाव आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके तहत निर्वाचक मंडल (Electoral College) को तैयार किया जा रहा है, जिसमें लोकसभा व राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल होंगे। साथ ही रिटर्निंग और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति अंतिम चरण में है। इसके अलावा, आयोग पूर्व उपराष्ट्रपति चुनावों के रिकॉर्ड और गाइडलाइंस की समीक्षा कर रहा है।
कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?
उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा के 543 सांसद, राज्यसभा के 233 निर्वाचित और 12 मनोनीत सांसद यानी कुल 788 सांसद वोट डाल सकते हैं। यह चुनाव सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम के ज़रिए होता है और इसमें अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Proportional Representation) अपनाई जाती है। राष्ट्रपति चुनाव के उलट, उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्य विधानसभाओं के सदस्य वोट नहीं डालते, लेकिन राज्यसभा के मनोनीत सदस्य मतदान करते हैं।
उम्मीदवार बनने के लिए क्या शर्तें हैं?
उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने वाले उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों का प्रस्तावक और 20 सांसदों का समर्थक होना आवश्यक होता है। इसके साथ ही, ₹15,000 की जमानत राशि जमा करनी होती है। नामांकन दाखिल होने के बाद निर्वाचन अधिकारी सभी नामांकन पत्रों की जांच करता है और पात्र उम्मीदवारों को बैलट में शामिल किया जाता है।
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर
धनखड़ ने 1989 में जनता दल से राजनीति की शुरुआत की और झुंझुनू से सांसद बने। इसके बाद वी.पी. सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाए गए। 1993 में कांग्रेस से विधायक बने, लेकिन 2003 में पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया। 2022 में वह भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बने।
अब आगे क्या?
चुनाव आयोग के अनुसार, तैयारियों के पूरा होते ही उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि संसद के आगामी सत्र से पहले नए उपराष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
MA
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