Himachal News : मंत्री जगत सिंह नेगी के खिलाफ प्रदर्शन पर जंजैहली में भाजपा कार्यकर्ताओं सहित 65 लोगों पर मामला दर्ज
बाबूशाही ब्यूरो
मंडी, 26 जुलाई, 2025 : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के थुनाग में हिमाचल प्रदेश के राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के खिलाफ प्रदर्शन, रास्ता रोकने, काले झंडे दिखाने, पत्थरबाजी और जूता फेंकने के आरोप में जंजैहली थाने में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। यह घटना थुनाग में बागवानी एवं वानिकी महाविद्यालय के स्थानांतरण को लेकर चल रहे तनाव के बीच हुई।
स्थानीय लोग और भाजपा के समर्थक इस निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने तीनों शिकायतों को दर्ज कर और जांच शुरू कर दी है। मौके पर पुलिस और कई लोग मौजूद थे, जिनकी उपस्थिति की पुष्टि की गई है। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है और जांच के बाद उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
यह मामला क्षेत्र में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकता है, क्योंकि स्थानीय समुदाय और विपक्षी दल बागवानी महाविद्यालय के स्थानांतरण के मुद्दे पर लगातार विरोध जता रहे हैं। यह शिकायतें कांग्रेस नेता जगदीश रेड्डी और वीरेंद्र कुमार ने 25 जुलाई 2025 को दर्ज कराईं। यह घटना उस समय हुई, जब मंत्री नेगी जंजैहली और थुनाग में बाढ़ व भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने और पीड़ितों से मिलने के बाद थुनाग विश्राम गृह में रुके थे। कांग्रेस नेता जगदीश रेड्डी की शिकायत पर जंजैहली में दर्ज पहली एफआईआर में मंत्री का रास्ता रोकने और काले झंडे दिखाने का आरोप है।
इस एफआईआर में 57 लोगों को आरोपी बनाया गया है। दूसरी एफआईआर में पत्थरबाजी और जान से मारने की धमकी का आरोप लगाया गया है। यह मामला भारतीय न्याय संहिता की धारा 125, 351(2) और 352 के तहत दर्ज किया गया है। तीसरी एफआईआर में महिलाओं की ओर से मंत्री का रास्ता रोकने और जूता फेंकने के आरोप लगे हैं। शिकायत में सात महिलाओं पर आरोप लगाया कि उन्होंने शाम करीब 5:35 बजे थुनाग बाजार के पास पुल पर मंत्री की गाड़ी को रोका, बागवानी महाविद्यालय को थुनाग से स्थानांतरित करने के खिलाफ नारेबाजी की, काले झंडे दिखाए, और गाड़ी की ओर जूता फेंककर अपमानित किया। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू की गई है।
भाजपा ने लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन किया: सीएम सुक्खू
वहीं मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्र मंडी का दौरा करने पहुंचे राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ भाजपा के क्षेत्रीय नेताओं व कार्यकर्ताओं ने जो व्यवहार किया है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने साजिश के तहत विरोध कर न केवल लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन किया, बल्कि आपदा प्रभावित लोगों के घर बसाने के कार्य में भी रोड़ा अटकाने की कोशिश की। भाजपा नहीं चाहती कि आपदा प्रभावित परिवारों को राहत और सहायता मिले। जिन परिवारों ने अपना सब कुछ खो दिया है, यदि उनकी मदद नहीं कर सकते तो कम से कम उनके पुनर्वास के कार्यों में बाधा न बनें। भाजपा का यह आचरण मानवीय संवेदनाओं के विरुद्ध है। राहत एवं पुनर्वास कार्यों में बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति तक मदद पहुंचाने के लिए काम कर रही है, इसमें राजनीतिक रोटियां सेंकना व हिंसक प्रदर्शन करके बाधा डालना पूरी तरीके से संवेदनहीनता है।
आपदा में खुद आपदा बन गई सरकार: सतपाल सत्ती
भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और ऊना से विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने शिमला में आयोजित एक प्रेस वार्ता में सुक्खू सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से भाजपा विधायकों के क्षेत्रों के साथ भेदभाव और राजनीतिक प्रतिशोध लगातार बढ़ रहा है। सरकार योजनाओं को बंद कर रही है, काम रोक रही है और झूठे आश्वासन देकर जनता को भ्रमित कर रही है। सत्ती ने सराज विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 240 करोड़ रुपये की लागत से बागवानी एवं वानिकी कॉलेज की आधारशिला रखी थी और इसके लिए 10 करोड़ की पहली किश्त भी जारी की गई थी। कॉलेज के लिए ज़मीन चिन्हित हो चुकी थी, फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिल चुका था और काम शुरू हो गया था।
लेकिन सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना को ठप कर दिया और अब आपदा का बहाना बनाकर कॉलेज को शिफ्ट करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में खुद मुख्यमंत्री और बागवानी मंत्री ने इस कॉलेज को न बंद करने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसके बावजूद सरकार ने चुपचाप बजट की राशि वापस मंगवा ली। यह सरकार की कथनी और करनी के फर्क को साफ दिखाता है। (SBP)
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