पंजाब विधानसभा में बेअदबी बिल को लेकर CM मान ने दिया बड़ा बयान, पढ़ें क्या कहा!
Babushahi Bureau
चंडीगढ़. पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में आज बेअदबी बिल को लेकर वृहद स्तर पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस दौरान विधानसभा में खड़े होकर बेअदबी को “सदियों तक चोट पहुंचाने वाला अपराध” बताया और इसे रोकने के लिए सख्त और स्थायी कानून बनाने की वकालत की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “बेअदबी से बड़ा कोई अपराध नहीं हो सकता। श्री गुरु ग्रंथ साहिब केवल किताब नहीं, जीवंत स्वरूप हैं। हमारी लिपि गुरमुखी है – गुरु के मुख से निकली हुई। मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई होगा जो इस बिल का विरोध करेगा।”
मान ने कहा - मिसाल बने ऐसी सज़ा, ताकि फिर कोई बेअदबी की हिम्मत न करे
मान ने हाल के सालों में हुई घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि “चाहे किसी धार्मिक स्थल में बेअदबी हो या बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति को नुकसान पहुँचाया जाए – ये घटनाएं हर इंसान के दिल को झकझोर देती हैं। अगर बेअदबी करने वालों को मिसाल बनने वाली सज़ा नहीं मिलेगी, तो न कोई डरेगा, न रुकेगा।”
बिल नहीं होगा जल्दबाज़ी में पास – भेजा जाएगा स्टैंडिंग कमेटी को
मुख्यमंत्री ने विधानसभा स्पीकर से अपील करते हुए कहा कि, “हम यह कानून हड़बड़ी में नहीं बनाना चाहते। इसे स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए और इस पर 3 से 4 महीने तक आम जनता, धार्मिक संगठनों और विशेषज्ञों से राय ली जाए।” उन्होंने यह भी कहा कि “यह कानून आने वाली सदियों तक लागू रहेगा, इसलिए इसमें हर तबके की भागीदारी ज़रूरी है।”
विपक्ष भी आया साथ, सभी धार्मिक ग्रंथ लाए जाएंगे कानून के दायरे में
मुख्यमंत्री भगवंत मान के प्रस्ताव को विपक्षी पार्टियों का भी समर्थन मिला। विधानसभा में चर्चा के दौरान यह सहमति बनी कि यह कानून किसी एक धर्म या ग्रंथ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सभी धार्मिक ग्रंथों को इसके दायरे में लाया जाएगा। मान ने कहा, “पंजाब के हर नागरिक की इसमें भागीदारी होनी चाहिए। यह केवल विधायकों का कानून नहीं, बल्कि पूरे पंजाब की भावना का कानून होगा।”
जनता से छह महीने तक मांगी जाएगी राय
सीएम मान ने स्पष्ट किया कि सरकार छह महीने तक लोगों से राय लेगी। सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों से सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे, ताकि कानून को मजबूत और सर्वमान्य बनाया जा सके।
MA
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →