हरियाणा राइट टू सर्विस आयोग ने मृत्यु प्रमाण पत्र मामले में की सख्त कार्रवाई
लापरवाही बरतने को लेकर क्लर्क पर लगाया जुर्माना
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 17 जुलाई -- हरियाणा राइट टू सर्विस आयोग ने फरीदाबाद के एक नागरिक को समय पर सेवा न मिलने और मृत्यु प्रमाण पत्र के स्थान पर जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाने की गंभीर त्रुटि पर कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने यह पाया कि अपीलकर्ता द्वारा अपने पिता की मृत्यु 19 मार्च 2025 को होने के उपरांत 22 मार्च 2025 को मृत्यु प्रमाण पत्र हेतु आवेदन किया गया था, परंतु संबंधित कार्यालय की लापरवाही के कारण उन्हें किसी बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।
आयोग के प्रवक्ता ने बताया जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया का कार्य नगर निगम फरीदाबाद के एनआईटी ज़ोन-II कार्यालय में क्लर्क द्वारा किया जा रहा था, जिन्होंने गलती से गलत प्रमाण पत्र अपलोड कर दिया और आवेदन को बंद कर दिया।
आयोग ने इस मामले को गंभीर प्रशासनिक लापरवाही मानते हुए हरियाणा राइट टू सर्विस अधिनियम, 2014 की धारा 17(1)(ह ) के तहत कर्मचारी पर 3 हजार रुपये का प्रतीकात्मक जुर्माना लगाया है और अपीलकर्ता को 3 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति देने के निर्देश भी दिए हैं। कुल 6 हजार रुपये की राशि संबंधित कार्य क्लर्क के जुलाई 2025 के वेतन से काटकर अगस्त 2025 में नियमानुसार जमा एवं भुगतान की जाएगी।
आयुक्त, नगर निगम फरीदाबाद को निर्देशित किया गया है कि वह इस आदेश की अनुपालना कर 11 अगस्त 2025 तक रिपोर्ट आयोग को भेजें। अपीलकर्ता से कहा गया है कि वह बैंक विवरण जल्द से जल्द आयोग व निगम कार्यालय को प्रेषित करें, ताकि क्षतिपूर्ति की राशि उनके खाते में स्थानांतरित की जा सके।
आयोग ने इस मामले में यह भी पाया कि जिला स्तर पर एफ.जी.आर.ए. व एस.जी.आर.ए अधिकारियों द्वारा शिकायत के निस्तारण में आवश्यक संवेदनशीलता नहीं बरती गई और प्रक्रिया संबंधी तकनीकी अड़चनों पर अधिक ध्यान दिया गया। आयोग ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में ऐसे अधिकारियों द्वारा जन शिकायतों के निवारण को प्राथमिकता दी जाएगी।
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