फिंगरप्रिंट तकनीक से पंचकूला पुलिस का अपराधियों पर शिकंजा, पेड़ों पर रहने वाला चोर पकड़ाया, दो पुलिसकर्मी होंगे सम्मानित
रमेश गोयत
पंचकूला, 23 मई – पंचकूला पुलिस अब अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए फिंगरप्रिंट तकनीक का सहारा ले रही है। पुलिस कमिश्नर शिबास कविराज के नेतृत्व में जिले के सभी थानों में दो-दो फिंगरप्रिंट लिफ्टर तैनात किए गए हैं, जो अपराध स्थल पर पहुंचकर वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य जुटाएंगे।
इस पहल के तहत शुक्रवार को डीसीपी हिमाद्रि कौशिक की अध्यक्षता में एक अहम बैठक सेक्टर-1 स्थित पुलिस कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, फॉरेंसिक साइंस लैब और सभी थानों से फिंगरप्रिंट लिफ्टर्स ने भाग लिया।
डीसीपी कौशिक ने कहा कि “हर व्यक्ति का फिंगरप्रिंट यूनिक होता है और यह तकनीक अपराधियों तक पहुंचने में बड़ी भूमिका निभा रही है।” उन्होंने बताया कि हाल ही में फिंगरप्रिंट की मदद से क्राइम ब्रांच-19 ने राजकुमार उर्फ कालाचिड़ी नामक शातिर चोर को गिरफ्तार किया, जो अक्सर पेड़ों पर छिपकर रहता था। वह पंचकूला के पांच चोरी मामलों में वांछित था।
इस केस में पुलिसकर्मियों कमलकांत और मोनु राम ने आरोपी के फिंगरप्रिंट घटनास्थल से जुटाकर उसकी पहचान सुनिश्चित की। पुलिस ने आरोपी के पास से 12 लाख रुपये के गहने और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। डीसीपी ने दोनों सिपाहियों को प्रशंसा पत्र और नकद इनाम देने की घोषणा की है।
डीसीपी ने आमजन से भी अपील की कि अपराध की किसी भी घटना के बाद घटनास्थल से छेड़छाड़ न करें और तुरंत पुलिस को सूचना दें, ताकि साक्ष्य सुरक्षित रह सकें और जांच में बाधा न आए।
उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में पंचकूला पुलिस स्मार्ट टेक्नोलॉजी, ऐप्स और सॉफ्टवेयर की मदद से अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी में और भी तेजी लाएगी।
यह तकनीकी पहल पंचकूला में अपराध नियंत्रण और नागरिकों की सुरक्षा की दिशा में एक प्रभावी और निर्णायक कदम माना जा रहा है।
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