Jai Ram Thakur: पुलिस अभ्यर्थी ही भर्ती में धांधली के आरोप लगा रहे और सरकार जांच भी नहीं करा रही: जय राम ठाकुर
बड़े पैमाने पर परीक्षा पास करने के नाम पर वसूली हुई और सरकार मामला दबा रही
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 20 जून 2025 : अपने विधानसभा स्थित कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पुलिस भर्ती मामले में भारी पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत मिल रही है। युवाओं को पास करने का ठेका लेने वाले लोग सामने आए हैं। करोड़ों के लेनदेन की बातें सामने आई हैं।
युवाओं को हरियाणा, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों में ले जाकर उनसे कुछ एक्सरसाइज करवाए जाने का मामला भी सामने आया है। कल ही चंबा में कई सारे पुलिस परीक्षा के अभ्यर्थी सामने आए और उन्होंने परीक्षा प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया। आरोप लगाने वालों में ज्यादातर बेटियां हैं। उनके साफ़ कहना है कि लोगों ने एक साथ बैठकर आपस में पेपर सॉल्व किया। उन्हें किसी ने नहीं रोका। कई जगहों पर मोबाइल डिवाइस के इस्तेमाल की भी बात सामने आ रही है।
उन्हीं बच्चियों ने आरोप लगाया कि कई जगह बिना सही एडमिट कार्ड के ही उन्हें परीक्षा केंद्रों में घुसने और परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई। मीडिया में कहेंगे उनके बयान में उन्होंने आरोप लगाया है कि अगर सरकार चाहे तो वहां के सीसीटीवी फुटेज निकाल कर उनके दावों की पुष्टि भी कर सकता है। इतने गंभीर आरोप लगने के बाद भी सरकार इस मामले में कोई भी गंभीरता नहीं दिख रही है। पुलिस परीक्षा में धांधली के आरोप लगने के बाद भी सरकार द्वारा निष्पक्ष जांच की कोई पहल नहीं की गई। इतने संवेदनशील मामले में सरकार द्वारा कोई कदम न उठाया जाना सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े कर रहा है। यह सरकार जनता का भरोसा खो चुकी है। जो सरकार पेनड्राइव फॉर्मेट कर सकती है वह सीसीटीवी भी फॉर्मेट कर सकती है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पुलिस द्वारा पुलिस भर्ती लिखित परीक्षा के दिन भी दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई। उनके द्वारा 34 लाख रुपए पुलिस भर्ती में शामिल युवाओं से वसूले जाने की बात सामने आई। रिपोर्ट्स की माने तो उन्होंने यह पैसा लेना स्वीकार भी किया। इसके बाद यह मामला आगे नहीं बढ़ पाया।
इसका कारण यह है कि सरकार इस मामले की जांच की बजाय इस मुद्दे को दबाने को प्राथमिकता दे रही है। इतनी बड़ी अनियमितता सामने आने के बाद सरकार द्वारा मौन रहना, विषय में पुलिस जांच की प्रगति के बारे में प्रदेश को ना बताना कहीं न कहीं जो कुछ भी हो रहा है उसमें सरकार की मौन सहमति का नतीजा है। जिस तरीके के आरोप लग रहे हैं उससे साफ है कि इस मामले में बड़ी धांधली हुई है। इसलिए यह भर्ती प्रक्रिया सरकार को फिर से करवानी चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस पूरी भर्ती प्रक्रिया पर जो भी आरोप लग रहे हैं वह बहुत गंभीर हैं। यह आरोप विपक्ष नहीं लगा रहा है। यह आरोप प्रदेश के युवा बच्चे लग रहे हैं जो इस भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा है और जिनके सामने यह सारी अनियमिताएं हुई हैं। इतने संवेदनशील आरोप पर सरकार को सबूत के साथ प्रदेशवासियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए। यह प्रदेश के युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ मसला है। सरकार इसे हल्के में नहीं ले सकती है। पूर्व सरकार में जब पुलिस भर्ती के समय पेपर लीक का मामला सामने आया तो सरकार ने रातों–रात परीक्षा निरस्त करने और 1 महीने के भीतर पेपर फिर से कराने की घोषणा की। सभी अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केंद्र तक जाने के लिए नि:शुल्क बस का इंतजाम किया। निर्धारित समय में भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई। इसके साथ ही हमने मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय एसआईटी का गठन किया। मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।
हमारी एसआईटी द्वारा न सिर्फ इस पेपर लीक के आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा गया बल्कि देशभर में चल रहे पेपर लीक नेटवर्क का भी पर्दाफाश किया गया। यह सरकार क्या कर रही है इतने गंभीर आरोप लगने के बाद भी पूरे मामले पर पर्दा डाल रही है। इसी तरह से प्रदेश में चल रही एनटीटी की परीक्षा में भी धांधली के मामले सामने आए हैं। सरकार ने कांग्रेस के नेताओं, कार्यकर्ताओं को आउटसोर्स एजेंसियां के माध्यम से ठेका दे रखा है।
एनटीटी केंद्र सरकार की योजना है जिसका शत प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार उठा रही है लेकिन सुक्खू सरकार उसमें भी भ्रष्टाचार कर रही है। (SBP)
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