सत्ता का अहंकार और परिवारवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा" — CM नायब सिंह सैनी ने ‘संविधान हत्या दिवस’ पर कांग्रेस पर बोला तीखा हमला
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 25 जून 2025:
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज करनाल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सत्ता का अहंकार और परिवारवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने 25 जून 1975 को लागू किए गए आपातकाल को "संविधान की आत्मा की हत्या" बताते हुए कांग्रेस पर लोकतंत्र को कुचलने के गंभीर आरोप लगाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान देश का सर्वोच्च कानून है, और उसकी रक्षा करना हर नागरिक का परम कर्तव्य है। उन्होंने आपातकाल को केवल सत्ता में बने रहने की "निजी महत्वाकांक्षा" का परिणाम बताया।
आपातकाल: लोकतंत्र पर हमला
CM सैनी ने 1975 में लागू किए गए आपातकाल को तानाशाही का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि उस दौर में हजारों लोगों को जेल में डाला गया, यातनाएं दी गईं, प्रेस की स्वतंत्रता का गला घोंटा गया और जबरन नसबंदी जैसे कदम उठाए गए। उन्होंने कहा, "यह केवल संवैधानिक संकट नहीं था, बल्कि लोकतंत्र की मूल भावना – अभिव्यक्ति की आज़ादी, समानता और न्याय – पर सीधा हमला था।"
हरियाणा के लोगों ने भी दिया लोकतंत्र की रक्षा में योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के अनेक नागरिकों ने भी लोकतंत्र की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने 2014 के बाद लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में कई ऐतिहासिक फैसले लिए, जिनमें पेंशन, फ्री बस यात्रा और चिकित्सा सुविधाएं शामिल हैं।
"संविधान बचाओ" का नारा मात्र पाखंड
सैनी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग आज संविधान की किताब लेकर "संविधान बचाओ" का नारा लगा रहे हैं, वही लोग अतीत में लोकतंत्र का गला घोंट चुके हैं। उन्होंने कहा, "जिनके राजनीतिक पूर्वजों ने प्रेस पर पाबंदी लगाई, नेताओं को जेल में डाला, वे आज लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं।"
मोदी सरकार संविधान को सर्वोपरि मानती है
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने संविधान के आदर्शों को न केवल अपनाया बल्कि उन्हें और मजबूत किया है।
कांग्रेस पर धारा-356 और संविधान संशोधनों के दुरुपयोग का आरोप
CM सैनी ने कांग्रेस पर 90 से अधिक बार धारा-356 का दुरुपयोग कर चुनी हुई राज्य सरकारों को बर्खास्त करने, 75 से अधिक बार संविधान संशोधन कर राजनीतिक हित साधने और धारा-370 जैसी विभाजनकारी व्यवस्थाओं को बनाए रखने का आरोप लगाया।
‘एक राष्ट्र, एक विधान’ के संकल्प की चर्चा
मुख्यमंत्री ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक ‘एक राष्ट्र, एक विधान’ का सपना साकार हुआ। उन्होंने ऑपरेशन सिंधूर के ज़रिए आतंकवाद पर लिए गए सख्त कदमों को भी ऐतिहासिक बताया।
युवाओं को इतिहास से जोड़ने की अपील
अंत में मुख्यमंत्री ने युवाओं से देश के सही इतिहास से अवगत होने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जागरूक रहने की अपील की। उन्होंने सभी नागरिकों से संविधान की रक्षा का संकल्प लेने का आह्वान किया।
इस अवसर पर विधायक योगेंद्र राणा, भगवान दास कबीरपंथी, करनाल की मेयर रेनू बाला गुप्ता, मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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