चंडीगढ़ में श्रम सुधारों की बड़ी पहल, औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
नए संशोधन प्रस्तावों से अनुपालन सरल, निवेश आकर्षण में आएगी तेजी
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 25 जून 2025 – व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चंडीगढ़ प्रशासन ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप श्रम कानूनों में व्यापक सुधारों की घोषणा की है। प्रशासन ने इन सुधारों को गृह मंत्रालय को अनुमोदन हेतु भेज दिया है, जिससे चंडीगढ़ को एक प्रमुख औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
प्रमुख लागू सुधार:
निश्चित अवधि का रोजगार: उद्योगों को अधिक लचीलापन, श्रमिकों को स्थायित्व।
महिलाओं की नाइट शिफ्ट में अनुमति: सशक्तिकरण के साथ सुरक्षा प्रावधान, लैंगिक समानता को बढ़ावा।
अभियोजन से पहले अनुपालन नोटिस: व्यापार-अनुकूल वातावरण की दिशा में सहकारी दृष्टिकोण।
प्रस्तावित संशोधन और उनके लाभ:
कारखाना अधिनियम, 1948 (हरियाणा संशोधन 2018 के आधार पर)
बिजली सहित श्रमिक सीमा 10 से बढ़ाकर 20, और बिना बिजली 20 से 40 की गई।
रात्रिकालीन महिला श्रमिकों की अनुमति, मजबूत सुरक्षा के साथ।
ओवरटाइम सीमा 75 से 125 घंटे की गई।
छोटे उल्लंघनों के लिए अपराध संयोजन का प्रावधान।
अनुबंध श्रम अधिनियम, 1970 (पंजाब संशोधन 2020 का विस्तार)
सीमा 20 से बढ़ाकर 50 कर्मचारी की गई, जिससे छोटे उद्यमों को राहत।
औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 (पंजाब संशोधन 2020)
विवादों के लिए प्रयोज्यता सीमा 100 से बढ़ाकर 300 कर्मचारी की गई।
चंडीगढ़ के लिए नया संशोधन
"सार्वजनिक उपयोगिता सेवा" की परिभाषा में सभी औद्योगिक प्रतिष्ठान जोड़े गए, जिससे हड़ताल/रुकावट की संभावनाएं कम होंगी।
प्रभाव और उद्देश्य:
एमएसएमई को राहत, अनुपालन लागत में कमी
ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी, बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने में मदद
महिला सहभागिता, समावेशी विकास को बढ़ावा
विनियामक बोझ में कटौती, कानूनी प्रक्रियाओं का सरलीकरण
प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि, निवेशकों के लिए आकर्षक माहौल
प्रशासन का मानना है कि इन प्रस्तावों से चंडीगढ़ की औद्योगिक छवि को मजबूती मिलेगी और यह क्षेत्रीय स्तर पर एक विकासशील कारोबारी हब बनकर उभरेगा।
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