आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर 'संविधान हत्या दिवस' मनाया गया
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने टैगोर थियेटर में राज्य स्तरीय समारोह का किया नेतृत्व, लोकतंत्र के रक्षकों को दी श्रद्धांजलि
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 25 जून — 1975 में लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर मंगलवार को टैगोर थिएटर, सेक्टर-18 में ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में एक राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व पंजाब के राज्यपाल व यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने किया। यह आयोजन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की राष्ट्रव्यापी पहल के तहत चंडीगढ़ प्रशासन के सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा आयोजित किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल कटारिया ने कहा, “1975 में लगाए गए आपातकाल के 21 महीनों के दौरान लाखों नागरिकों, छात्रों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए जो संघर्ष किया, वह हमारे संविधान और स्वतंत्रता की असली शक्ति को दर्शाता है।”
उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व की सराहना करते हुए युवाओं को लोकतंत्र की नींव बताते हुए कहा कि “आज की पीढ़ी को आत्मनिरीक्षण करते हुए यह सोचना होगा कि वे भारत को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं। हमें भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए मिलकर कार्य करना होगा।”
राज्यपाल ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को उद्धृत करते हुए कहा, “एक अच्छा संविधान भी बुरा हो सकता है अगर उसे लागू करने वाले लोग अच्छे न हों, लेकिन एक बुरा संविधान भी अच्छा हो सकता है अगर उसे अच्छे लोग लागू करें।”
कार्यक्रम के दौरान आपातकाल के दौर में लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वाले सुरिंदर महाजन, ओम प्रकाश आहूजा और जतिंदर चोपड़ा को राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन और देशराज राज टंडन ने आपातकाल के अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा में अपनी भूमिका को याद किया।
कार्यक्रम में देशभक्ति गीतों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने वातावरण को भावनात्मक बना दिया और स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र के लिए किए गए संघर्ष की यादें ताजा कर दीं।
इस मौके पर चंडीगढ़ की मेयर हरप्रीत कौर बबला, मुख्य सचिव राजीव वर्मा, गृह सचिव मंदीप बराड़, सांस्कृतिक निदेशक सौरभ अरोड़ा, चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा, यूटीसीए अध्यक्ष संजय टंडन, स्कूली छात्र, युवा स्वयंसेवक और नागरिक समाज के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
इस समारोह के साथ ही 25 जून 2025 से 25 जून 2026 तक चलने वाले एक वर्ष के राष्ट्रीय लोकतांत्रिक जागरूकता अभियान की भी शुरुआत की गई। अभियान के अंतर्गत पूरे देश में प्रदर्शनियां, संवाद, प्रतियोगिताएं और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को संवैधानिक मूल्यों से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
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