पंजाब के सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों की भर्ती पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पढ़ें क्या कहा
Babushahi Bureau
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने राज्य के सरकारी कॉलेजों में 1158 सहायक प्राध्यापकों (Assistant Professors) की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। यह वही भर्ती है जिसे लेकर लंबे समय से कानूनी विवाद चल रहा था।
सिंगल बेंच ने की थी भर्ती रद्द, फिर डबल बेंच ने दी थी मंजूरी
इससे पहले साल 2022 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इस भर्ती को खारिज कर दिया था। हालांकि, बाद में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को पलटते हुए भर्ती प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी थी।
इसके खिलाफ कई याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी, जिस पर आज फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के डबल बेंच के फैसले को भी खारिज कर दिया और पूरी भर्ती प्रक्रिया को असंवैधानिक मानते हुए निरस्त कर दिया।
5 अंकों की वरीयता को लेकर उठे थे सवाल
यह भर्ती विवाद एक विशेष नियम के आधार पर दिए गए वेटेज अंकों को लेकर शुरू हुआ था। दरअसल, पंजाब सरकार ने सरकारी कॉलेजों में केवल उन्हीं उम्मीदवारों को 5 अतिरिक्त अंक देने का निर्णय लिया था जो सरकारी कॉलेजों में ही पार्ट-टाइम, गेस्ट फैकल्टी या कॉन्ट्रैक्ट पर पहले से कार्यरत थे। विवाद तब खड़ा हुआ जब सरकारी ग्रांट से चलने वाले कॉलेजों में कार्यरत गेस्ट फैकल्टी या पार्ट-टाइम प्रोफेसरों को इस लाभ से वंचित रखा गया।
MA
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