भगवंत मान और केजरीवाल ने मंच से दिलवाई नशा मुक्ति की शपथ, हजारों लोगों ने दोहराए शब्द
महक अरोड़ा
16 मई 2025 : आज पंजाब में 'नशों के खिलाफ़ युद्ध' के तहत ऐतिहासिक 'नशा मुक्ति यात्रा' की शुरुआत हुई। इस मौके पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया। हज़ारों की संख्या में लोग इस अभियान का हिस्सा बने और पूरे जोश से ‘नशा मुक्त पंजाब’ का संकल्प लिया। इस मौके अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि यह लड़ाई आसान नहीं है, लेकिन अब पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा, “जब हमने इस लड़ाई की शुरुआत की, तो लोगों ने कहा कि यह बहुत ख़तरनाक काम है। आपकी जान को खतरा है। लेकिन हमने वचन दिया था कि चाहे जान जाए या बच जाए, हम नशा खत्म करके ही दम लेंगे।”
नशा तस्करों की कोठियों पर चला बुलडोज़र
केजरीवाल ने कहा कि जो तस्कर नशा बेचकर आलीशान कोठियां बना चुके थे, आज उन कोठियों पर बुलडोज़र चल रहे हैं। यह देखकर बहुत से लोग भावुक हो गए और कहने लगे कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि ऐसा दिन भी आएगा, जब तस्करों के घर गिराए जाएंगे और कोई सरकार इतनी हिम्मत दिखाएगी।
"जन आंदोलन बनेगा नशे के खिलाफ अभियान"
अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि अब नशे के खिलाफ इस लड़ाई को एक जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आने वाले डेढ़ महीने में पार्टी की टीमें पंजाब के 13,000 गांवों और शहरों के प्रत्येक वार्ड में जाकर लोगों से सीधा संवाद करेंगी। “अगर पंजाब के 3 करोड़ लोग इस अभियान से जुड़ जाएं, तो नशा खत्म करने से कोई ताक़त नहीं रोक सकती,” उन्होंने कहा।
पंजाबियों से लिए गए 4 बड़े वादे
1. नशे से खुद को और अपने इलाकों को दूर रखने की शपथ
केजरीवाल ने कहा कि सबसे पहले, हर व्यक्ति को शपथ लेनी है कि वह खुद नशा नहीं करेगा और अपने इलाके में किसी को नशा नहीं करने देगा। यह व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारी दोनों है।
2. नशे की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध – सामूहिक जिम्मेदारी
दूसरा वादा है कि कोई भी अपने गांव या मोहल्ले में नशा बिकने नहीं देगा। पुलिस, प्रशासन और स्थानीय नेता सभी मिलकर इस काम में सहयोग करेंगे।
3. नशा तस्करों की जमानत नहीं – चाहे कोई भी हो
तीसरे वादे में ज़ोर दिया गया कि अगर कोई नशा तस्कर पकड़ा जाता है, तो उसकी कोई भी जमानत नहीं कराएगा – भले ही वह कोई करीबी या खास व्यक्ति ही क्यों न हो। यह कानून व्यवस्था की जीत के लिए ज़रूरी है।
4. नशा पीड़ितों को इलाज दिलाने की जिम्मेदारी भी समाज की
चौथा वादा यह है कि जो लोग पहले से नशे के शिकार हैं, उन्हें छुड़ाने की पूरी कोशिश समाज को मिलकर करनी होगी। इसके लिए पंजाब में पहले से ही कई ओपीडी क्लीनिक और नशा मुक्ति केंद्र कार्यरत हैं, जहां लोगों को मुफ्त इलाज और परामर्श दिया जा रहा है।
MA
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →